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Bhai Dooj Special: भाई दूज पर बहनों से मिलने पहुंचे थे भाई यमराज, इसलिए बहनों के लिए खास है ताप्ती के तट पर खड़ा 'भाई-बहन' मंदिर

Bhai-Bahan Temple: ऐसी मान्यता है कि भगवान सूर्य की संतान तीन संतानों क्रमशः मां ताप्ती और यमुना के भाई यमराज भाई दूज (यम द्वितीया) के दिन बहन मां यमुना के घर तिलक व मिष्ठान ग्रहण करने के बाद पृथ्वी पर आदि गंगा के रूप में पूजित मां ताप्ती को आशीर्वाद देने उनके घर पहुंचे थे.

Bhai Dooj Special: भाई दूज पर बहनों से मिलने पहुंचे थे भाई यमराज, इसलिए बहनों के लिए खास है ताप्ती के तट पर खड़ा 'भाई-बहन' मंदिर
IMPORTANCE OF BHAI-BEHAN TEMPLE SITUATED IN THE BANK OF MOTHER TAPTI RIVER ON BHAI DOOJ, BETUL, MP

बैतूल जिले में मां ताप्ती नदी के तट पर स्थित भाई-बहन का मंदिर भाई दूज पर्व पर सुर्खियों में रहता है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक कार्तिक मास की द्वितीया तिथि यानी भाई दूज पर मां ताप्ती और यमुना से मिलने भाई यमराज उनके घर आए थे. कहते हैं भाई दूज पर ताप्ती नदी में डुबकी लगाने से भाई-बहनों को मृत्यु के वक्त यम के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है.

ऐसी मान्यता है कि भगवान सूर्य की संतान तीन संतानों क्रमशः मां ताप्ती और यमुना के भाई यमराज भाई दूज (यम द्वितीया) के दिन बहन मां यमुना के घर तिलक व मिष्ठान ग्रहण करने के बाद पृथ्वी पर आदि गंगा के रूप में पूजित मां ताप्ती को आशीर्वाद देने उनके घर पहुंचे थे.

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ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करने से भाई-बहनों को मिलती है यम बंधनों से मुक्ति 

कथाओं के अनुसार यमराज मां ताप्ती के घर खेड़ीसावलीगढ़ आए, जहां मां ताप्ती ने अपने भैया यमदेव का मंगल तिलक किया और मिष्ठान का भोग लगाया. इससे प्रसन्न होकर यमदेव ने वरदान दिया कि भाई दूज के दिन ब्रह्ममुहूर्त में ताप्ती और यमुना नदी में स्नान करने वाले भाई-बहन को यम बंधनों से मुक्ति प्राप्त होगी और देवलोक की प्राप्ति सहज होगी.

मृत्यु देवता के रूप में जाने जाते हैं भगवान सुर्य पुत्र यमराज

मृत्यु देवता के रूप में जाने जाते हैं भगवान सुर्य पुत्र यमराज

भाई-बहनों के प्रतीक के रूप में यूपी और एमपी में है भाई-बहन मंदिर

माना जाता है कि इसी पौराणिक प्रसंग के चलते आज भी भाई दूज के अवसर पर हजारों श्रद्धालु ताप्ती और यमुना तटों पर स्नान और पूजा-अर्चना करते हैं. देश में भाई-बहन के प्रतीक के रूप में दो भाई-बहन मंदिर हैं. एक मंदिर मथुरा में यमुना-यमराज मंदिर और दूसरा मंदिर मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में हैं, जो खेड़ीसावलीगढ़ में ताप्ती घाट पर स्थित है.

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बैतूल में राप्ती नदी के तट पर स्थित भाई-बहन मंदिर में विराजमान मां ताप्ती

बैतूल में राप्ती नदी के तट पर स्थित भाई-बहन मंदिर में विराजमान मां ताप्ती

चर्चित भाई-बहन मंदिर में विराजमान है भगवान सूर्य का पूरा परिवार 

बैतूल के खेड़ीसावलीगढ़ में ताप्ती घाट पर स्थित भाई-बहन मंदिर में भगवान सूर्य का पूरा परिवार विराजमान है. गर्भगृह में मां ताप्ती और यमुना की मूर्ति और मंदिर परिसर में यमराज की मूर्ति स्थापित है. वहीं, मंदिर के ऊपरी भाग में भगवान सूर्य अपनी दोनों पत्नियों संध्या-छाया और सारथी वरुण की मूर्ति विराजमान है.

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