विज्ञापन

Janjatiya Gaurav Divas : अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले जनजातीय नायक भगवान बिरसा मुंडा कौन थे?

Bhagwan Birsa Munda Jayanti: जनजातीय गौरव दिवस का महत्व केवल बिरसा मुंडा के योगदान को याद करने तक सीमित नहीं है. यह जनजातीय समाज की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान का जश्न मनाने का भी दिन है. जनजातीय समाज ने भारत के इतिहास में अहम भूमिका निभाई है. यह गौरव दिवस उनकी सांस्कृतिक धरोहर, संघर्षों और उपलब्धियों का सम्मान करता है.

Janjatiya Gaurav Divas : अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले जनजातीय नायक भगवान बिरसा मुंडा कौन थे?

Birsa Munda Jayanti: भगवान बिरसा मुंडा (Bhagwan Birsa Munda) का जीवन किसी प्रेरणास्रोत से कम नहीं है. उनका पूरा जीवन हमें साहस, संघर्ष और सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्ध रहने का संदेश देता है. जनजातीय गौरव दिवस (Janjatiya Gaurav Divas) हमें उनकी शिक्षाओं, राष्ट्रप्रेम और उनके संघर्ष को याद करने और जनजातीय समाज के अधिकारों और सम्मान के प्रति संवेदनशील बने रहने के लिए प्रेरित करता है. यही वजह है कि सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और राष्ट्रीय गौरव, वीरता तथा भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने में आदिवासियों के प्रयासों को मान्यता देने के लिए हर वर्ष बिरसा मुंडा जयंती (Birsa Munda Jayanti) पर जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन किया जाता है.

बिरसा मुंडा का जीवन व संघर्ष (Birsa Munda Life)

बिरसा मुंडा जी का जन्म 15 नवम्बर 1875 को झारखंड के उलीहातू गांव में एक साधारण मुंडा परिवार में हुआ था. उनका जीवन बेहद कठिनाइयों से भरा था और उन्हें बाल्यावस्था से ही आर्थिक संघर्षों का सामना करना पड़ा. सामाजिक असमानता, अत्याचार और विदेशी शासकों द्वारा जनजातियों पर निरंतर हो रहे शोषण ने बिरसा मुंडा के अंतर्मन को विद्रोह की भावना से भर दिया. उन्होंने अंग्रेजों द्वारा लागू जमींदारी प्रथा, धर्मांतरण और जनजातियों के पारम्परिक जीवन पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष किया.

उलगुलान आंदोलन का नेतृत्व

बिरसा मुंडा ने उलगुलान जनजातीय विद्रोह का नेतृत्व किया, जो अंग्रेजी शासन और उनके द्वारा किए जा रहे अत्याचार के खिलाफ था. उलगुलान का अर्थ है आंदोलन या विद्रोह. इस आंदोलन का उद्देश्य अंग्रेजों द्वारा लागू की गई भूमि नीतियों, जबरन धर्मांतरण और जनजातियों की पारम्परिक जीवनशैली में दखल देने वाले कानूनों के खिलाफ आवाज उठाना था.

भगवान बिरसा मुंडा के नेतृत्व में इस आंदोलन ने पूरे क्षेत्र में जनक्रांति की लहर पैदा कर दी और उन्हें धरती आबा या धरती पिता के रूप में सम्मानित किया जाने लगा.

समाज सुधारक के रूप में बिरसा मुंडा

बिरसा मुंडा केवल एक स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं, बल्कि एक महान समाज सुधारक भी थे. उन्होंने तत्कालीन जनजातीय समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे अंध-विश्वास, जाति-भेद, नशाखोरी, जातीय संघर्ष और अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जागरूकता फैलाई. उन्होंने अपने अनुयायियों को शिक्षा का महत्व समझाया और उन्हें एकता में रहने का संदेश दिया. बिरसा मुंडा ने "बिरसाइत" नामक एक धार्मिक आंदोलन भी चलाया था, जिसमें उन्होंने अपने अनुयायियों को आचार-विचार की शुचिता, सादगी और सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया.

बिरसा मुंडा का स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बिरसा मुंडा का योगदान अतुलनीय है. वे न केवल अपने क्षेत्र की जनजातियों के नेता थे, बल्कि उनके संघर्ष और बलिदान ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को भी एक नई दिशा दी. उनके "उलगुलान" आंदोलन ने अन्य जनजातीय समुदायों को भी संगठित किया और स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी करने की प्रेरणा दी थी.

बिरसा मुंडा मात्र 24 साल 7 महीने की अल्पायु में 9 जून 1900 को वीरगति को प्राप्त हुए. उनकी विरासत आज भी जनजातीय समाज के दिलों में जीवित है और उन्हें एक महान क्रांतिकारी जननायक के रूप में याद किया जाता है.

कब से मनाया जा रहा है जनजातीय गौरव दिवस?

वर्ष 2021 में केन्द्र सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया. इसका उद्देश्य भगवान बिरसा मुंडा और अन्य जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान का सम्मान करना है. इस दिन देशभर में जनजातीय समाज की सांस्कृतिक धरोहर, उनकी परंपराओं और उनके गौरवशाली इतिहास को समझने और सम्मानित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. यह दिवस जनजातीय समाज के संघर्षों और उनके योगदान को याद करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है.

यह भी पढ़ें : Janjatiya Gaurav Divas: 10 हजार से अधिक वॉलेंटियर के साथ छत्तीसगढ़ में डॉ मनसुख मांडविया की पदयात्रा आज

यह भी पढ़ें : Bulldozer Action पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार, SC ने कहा- राज्य और उसके अधिकारी मनमाने कदम नहीं उठा सकते

यह भी पढ़ें : RBI की लिमिट से बाहर हुई महंगाई, तोड़ा रिकॉर्ड, सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ में हुई बढ़ोत्तरी, MP का ऐसा है हाल

यह भी पढ़ें : भेड़िए से भिड़ने वाली सशक्त नारी! CM मोहन यादव ने किया कॉल, मिली एक लाख की आर्थिक मदद

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close