विदिशा की जीवनदायिनी कही जाने वाली बेतवा नदी का मुद्दा पूरे लोकसभा चुनाव में अहम मुद्दा बना रहा है, लेकिन बेतवा नदी की दुर्दशा आज भी नहीं सुधर सकी. विदिशा से निकलने वाली बेतवा नदी आज पूरी तरह मैली हो गई है. इसके बाद भी इस पानी को पीने के लिए विदिशा के लोग मजबूर हैं. वहीं पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान से लेकर कई नेता इस नदी को गोद ले चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद हालात जस के तस बने हुए हैं.
लोकसभा चुनाव में खूब गरमाया विदिशा बेतवा नदी का मुद्दा
रायसेन जिले से निकलने वाली बेतवा नदी विदिशा रायसेन जिले की जीवनदायिनी बेतवा कहलाती है. लाखों किसानों की फसल इसी बेतवा नदी से सिंचित होती है. इतना ही नहीं विदिशा शहर के लोगों की प्यास बुझाने का काम भी बेतवा नदी ही करती है. वहीं जीवनदायिनी कहलाने वाली बेतवा नदी अब पूरी तरह से प्रदूषित हो चुकी है. हालांकि इसका मुद्दा कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप भानू शर्मा ने लोकसभा चुनाव में उठाया. प्रताप भानू शर्मा ने पूर्व मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान से बेतवा के दूषित होने पर कई सवाल भी पूछे.
तस्वीरों तक सिमट कर रह गई बेतवा को प्रदूषण से बचाने का अभियान
शहर के कई समाज सेवी और नेताओं द्वारा बेतवा नदी को बचाने के लिए अभियान चलाया गया. ये अभियान सालों से चल रहा है, लेकिन ये महज एक फोटो सेसन का हिस्सा ही बनकर रह गया. दरअसल, बेतवा नदी को बचाने के लिए कई नेता और समाज सेवी आगे आए और नदी को साफ और स्वच्छ बनाने का दावा किया, लेकिन ये सिर्फ फोटो सेसन का एक हिस्सा बनकर रह गया. अभियान जितने पुराने होते गए बेतवा की हालात उतनी गंभीर होते गई.
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हरी चादर में तब्दील हो गई बेतवा नदी
एक समय में साफ कल कल बहती बेतवा नदी आज हरी चादर में तब्दील हो गई है. बेतवा नदी में काई की पूरी परत बिछ गई है और इसका पानी पूरी तरह से मैला हो चुका है. सबसे हैरानी की बात ये है कि इसका पानी पूरे शहर में पीने के लिए सप्लाई किया जा रहा है.
धार्मिक नजरिए से आस्था का केंद्र है विदिशा बेतवा नदी
विदिशा बेतवा नदी मध्य प्रदेश में धार्मिक नजरिए से आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है. विदिशा बेतवा नदी पर समय-समय पर कई धार्मिक आयोजन होते रहते हैं. लोगों का मानना है कि बेतवा नदी में स्नान करने से पवित्र हो जाते हैं. बताया जाता है वनवास जाते समय भगवान राम इसी बेतवा नदी से होकर गुजरे थे. उनके चरणों के निशान आज भी यहां मौजूद हैं.
बेतवा को साफ कराने की मांग कई बार कर चुके मंदिर के पुजारी
विदिशा बेतवा घाट पर कई मंदिर बने हैं. यहां भगवान राम, सीता, शनि देव का मंदिर बना हुआ है. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि आज हमारी बेतवा पहले जैसी बेतवा नहीं रही. आज ये बेतवा पूरी तरह मैली हो चुकी है. हम लोग कई बार बेतवा को साफ करने के लिए शासन प्रशासन से मांग कर चुके हैं, लेकिन आज तक हमारी बेतवा साफ नहीं हो सकी. अब तो हम लोग बेतवा नदी पर आने वाले भक्तों से स्नान करने के लिए मना कर रहे हैं, क्योंकि भक्त इसमें डूबकी लगाने के बाद अपने साथ कई बीमारी लेकर जाते हैं.
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