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Beggars Free Campaign: भिखारी मुक्त होगा भोपाल, कलेक्टर के निर्देश पर टीम गठित, भीख देने वालों पर भी होगी कार्रवाई!

Beggars Free Bharat: राजधानी भोपाल को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने की कवायद के तहत जिला कलेक्टर ने बुधवार को एक टीम गठित किया है. इस टीम में 8 एसडीएम, तहसीलदार और सामाजिक न्याय विभाग अधिकारी शामिल किए गए हैं, जो शहर में मौजूद सभी भिखारियों प्रोफाइल तैयार करेंगे. 

Beggars Free Campaign: भिखारी मुक्त होगा भोपाल, कलेक्टर के निर्देश पर टीम गठित, भीख देने वालों पर भी होगी कार्रवाई!
फाइल फोटो

Beggars Free Bhopal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट भिक्षावृत्ति मुक्त भारत को अमलीजामा पहनाने के लिए भोपाल जिला प्रशासन ने राजधानी भोपाल को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए कमर कस लिया है और इंदौर की तर्ज पर भोपाल को भी भिखारी मुक्त बनाने के लिए एक टीम का गठन किया है, जो भोपाल में मौजूद भिखारियों की प्रोफाइल तैयार करेगी.

राजधानी भोपाल को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने की कवायद के तहत जिला कलेक्टर ने बुधवार को एक टीम गठित किया है. इस टीम में 8 एसडीएम, तहसीलदार और सामाजिक न्याय विभाग अधिकारी शामिल किए गए हैं, जो शहर में मौजूद सभी भिखारियों प्रोफाइल तैयार करेंगे. 

कलेक्टर के निर्देशन में भोपाल में भिक्षा मुक्ति अभियान के लिए टीम गठित

रिपोर्ट के मुताबिक जिला कलेक्टर के निर्देशन में गठित टीम भोपाल शहर के सबसे अधिक भिखारियों की संख्या वाली बस्ती गांधी नगर की प्रोफाइल तैयार करेंगे और पुनर्वास और उनकी आजीविका की रूपरेखा तैयार करेंगे. जिला प्रशासन  सबसे पहले चौक-चौराहों पर मौजूद भिखारियों को मुक्त करने की योजना तैयार की है.

भोपाल शहर के गोविंदपुरा संभाग में चिन्हित हैं सर्वाधिक भिखारी

गौरतलब है भोपाल शहर से सबसे अधिक भिखारियों की संख्या गोविंदपुरा संभाग में चिन्हित हैं. वहीं, गांधी नगर बस्ती में भिक्षा मांगकर आजीविका चलाने वालों की सर्वाधिक संख्या हैं. टीम में शामिल सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी भिखारियों की आजीविका और पुर्नवास के लिए योजना तैयार करेंगे.     

भोपाल जिला प्रशासन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट भिक्षुक मुक्त भारत को साकार करने के लिए इंदौर जिला प्रशासन से प्रेरित होकर भोपाल में भिक्षा मुक्त अभियान शुरू किया है..

भिखारी मुक्त भोपाल के लिए मैदान में उतरे अधिकारी, 3 दिन चलेगा सर्व

राजधानी भोपाल को भिखारी मुक्त बनाने की कवायद के तहत बुधवार को पहली बार सड़क पर सर्वे का काम शुरू हुआ. इसके तहत बच्चों से लेकर महिलाओं और पुरुषों तक सभी का खाका तैयार किया जा रहा हे. चौराहों से लेकर तिराहों तक और धार्मिक स्थलों से लेकर रेलवे स्टेशन समेत बस स्टेशन अन्य स्थानों पर पहले दिन 200 से ज्यादा भिखारी भीख मांगते मिले. गोविंदपुरा संभाग में सबसे ज्यादा 130 भिखारी चिन्हित किए गए है.

सर्वे के दौरान टीम करेगी भिखारियों के किसी गिरोह से जुड़े होने की पड़ताल

शहर को भिक्षा मुक्त बनाने के लिए गठित टीम तीन दिनों तक चलने वाले सर्वे के दौरान भीख मांगने वाले भिखारियों के किसी गिरोह का हिस्सा होने की भी पड़ताल करेगी. इसकी भी पड़ताल करेगी कि कहीं भिखारी किसी भिखारी माफिया से तो नहीं जुड़ा हुआ है. पहले दिन ज्यादातर भिखारी गांधी नगर की एक ही झुग्गी सामने आए.

सर्वे के बाद भोपाल में शुरू होगा शहर के भिखारियों के पुनर्वास पर काम

सर्वे के लिए बड़े पैमाने पर जिला प्रशासन का अमला मैदान में उतरा है. एसडीएम, तहसीलदार और सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी सर्वे कर रहे हैं. गोविंदपुरा, हुजूर, एमपीनगर, बैरागढ़, कोलार, चोकबाजार, टीटी नगर समेत अन्य तहसील के तहसीलदार को सर्वे के काम में लगाया गया है. सर्वे के बाद भिखारियों के पुनर्वास पर काम शुरू होगा.

भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के मुताबिक सर्वे 3 दिनो में पूरा कर लिया जाएगा. सर्वाधिक भिक्षा वृति वाले गोविंदपुरा, हुजूर, एमपीनगर, बैरागढ़, कोलार, चोकबाजार, टीटी नगर में सर्वे का पूरा होने के बाद भिखारियों के पुनर्वास पर काम शुरू होगा.

भिखारियों के पुनर्वास के लिए जिला प्रशासन ले रहा है स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद

भोपाल जिला प्रशासन के मुताबिक भिखारी को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उनकी आजीविका के लिए काम किए जाएंगे. बच्चों को  सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाया जाएगा ताकि आने वाले वक्त में उनके सामाजिक उत्थान पर तेजी से काम किया जा सके. इस काम के लिए जिला प्रशासन स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ले रही है और कई संस्थाएं स्वयं सर्वे के काम कर रहे हैं.

इंदौर को भिक्षावृति मुक्त बनाने के लिए कलेक्टर जारी कर चुके हैं फरमान

इससे पहले, इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने के लिए इंदौर कलेक्टर ने इंदौर को भिक्षावृति मुक्त बनाने के लिए फरमान जारी किया था और भिक्षावृत्ति के खिलाफ प्रतिबंधात्मक फरमान का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया था. इंदौर शहर को भिक्षा मुक्त बनाने के लिए के लिए जारी फरमान में भीख देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई का आदेश है.

इंदौर में भिक्षुक मुक्त अभियान को सफल बनाने के लिए शहर के अलग-अलग चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी की जा रही है और किन-किन गाड़ियों से लोगों ने भिक्षुकों को भीख दी है. उनकी पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

इंदौर जिला प्रशासन ने बड़ी संख्या में किया भिक्षुकों का पुर्नवास 

इंदौर शहर को भिक्षु मुक्त बनाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन के द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. जहां अलग-अलग टीम बनाकर प्रशासनिक अमला लगातार भिक्षुओं के पुनर्वास को लेकर काम कर रहा था. इंदौर जिला प्रशासन को इसमें सफलता भी मिली और बड़ी संख्या में भिक्षुओं का पुनर्वास भी किया गया. इसमें एनजीओ और महिला व बाल विकास विभाग को भी शामिल किया गया है. 

इंदौर शहर में भिखारियों की सीसीटीवी से मॉनिटरिंग की जा रही है

इंदौर जिला प्रशासन के फरमान को अमलीजामा पहनाने के लिए इंदौर में भिक्षुक मुक्त अभियान को सफल बनाने के लिए इंदौर के अलग-अलग चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से मॉनिटरिंग की जा रही है और किन-किन गाड़ियों से लोगों ने भिक्षुकों को भीख दी है, उनकी पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

ये भी पढ़ें-यहां भिखारियों को भीख देना होगा अपराध, धारा 188 के तहत होगी कार्रवाई, कलेक्टर ने जारी किया फरमान

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