
Sona Dada Aka Bhupati Surrenderd: माओवादी आंदोलन के इतिहास में एक और बड़ा सरेंडर सामने आ रहा है. 6 करोड़ के इनामी मोस्ट वांटेड नक्सली भूपति ने अपने 60 नक्सली साथियों के साथ आत्मसमर्पण किया है. इतने बड़े सरेंडर से महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में लगभग नक्सलवाद खात्मे की ओर है. भूपति को नक्सली आंदोलन के सबसे सीनियर और प्रभावशाली नेताओं में से एक माना जाता है. भूपति ने बीकॉम की पढ़ाई की है और वह पिछले 40 वर्षों से नक्सल संगठन में सक्रिय रहा है.
केंद्रीय कमेटी के साथ-साथ पोलित ब्यूरो मेंबर और वरिष्ठ नक्सली कमांडर मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू उर्फ भूपति (69) ने अपने साथियों के साथ सोमवार देर रात गढ़चिरौली पुलिस के सामने सरेंडर किया था. उसके ऊपर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में कई बड़े हमलों और साजिशों में शामिल होने के आरोप हैं.
सुरक्षा एजेंसियों ने उस पर 6 करोड़ से अधिक का इनाम घोषित कर रखा था. माओवादी आंदोलन के इतिहास में इसे सबसे बड़ा सरेंडर माना जा रहा है. भूपति का समर्पण नक्सलवाद को छोड़ मुख्यधारा में लौटना है. पुलिस ने नक्सलियों के पास से 50 से अधिक हथियार बरामद किए हैं.
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सोनू दादा उर्फ़ भूपति ने कही थी पहले आत्म-समर्पण करने की बात
रिपोर्ट के मुताबिक नक्सली पोलित ब्यूरो मेंबर सोनू दादा उर्फ़ भूपति ने सरकार के समक्ष हथियार समेत आत्मसमर्पण करने की बात कही थी. सोनू दादा के बयान के बाद नक्सलियों में आपसी फाड़ भी देखी गई थी. सूत्र कहते हैं कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों से सुरक्षा बलों द्वारा पूछताछ की जा रही है.

कौन है नक्सली सोनू दादा उर्फ भूपति
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पुलिस के सामने आत्म-समर्पण करने वाले 67 वर्षीय नक्सली पोलित ब्यूरो सदस्य मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ सोनू दादा उर्फ भूपति उर्फ विवेक उर्फ अभय पुत्र वेंकटैया तेलंगाना के पेद्दापल्ली जिले का निवासी है. सोनू दादा बीकाम डिग्री होल्डर है.
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महाराष्ट्र सीएम के सामने डालेंगे हथियार
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बुधवार को गढ़चिरौली दौरे पर आ रहे हैं, जहां इस आत्मसमर्पण को एक बड़ी सफलता के तौर पर पेश किए जाने की खबर है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, भूपति और उसके साथियों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में 16 अक्टूबर को औपचारिक रूप से हथियार डालने की सहमति जताई है. राज्य सरकार उस दिन इन नक्सलियों की पुनर्वास योजना से जुड़ी घोषणाएं भी कर सकती है.
मार्च, 2026 नक्सवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने की है अंतिम तारीख
गौरतलब है केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश से नक्सवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने की तारीख मार्च, 2026 तय कर रखी है. सुरक्षा बल लगातर नक्सलियों के सफाए के लिए एंटी नक्सल ऑपरेशन चला रही है और छत्तीसगढ़ सरकार के पुनर्वास नीति के तहत लगातार नक्सली सरेंडर कर रहे हैं या मारे जा रहे हैं.