क्या 'लाड़ली बहना' के नीचे दब गई आहार अनुदान योजना? 8 महीने से इंतजार में आदिवासी बैगा महिलाएं

प्रदेश सरकार आदिवासियों के हितों के लिए लाख दावे करती है. शासन की ओर से बैगा जनजाति को विशेष संरक्षण दिया जाने का दावा किया जाता है लेकिन शहडोल जिले में बैगा महिलाओं की आहार अनुदान योजना आठ महीने से ठप्प पड़ी हुई है.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
आठ महीने से ठप्प पड़ी है आहार अनुदान योजना

Shahdol News: शहडोल (Shahdol) जिले में आदिवासी बैगा महिलाएं आठ महीने से पोषण आहार अनुदान की राशि के लिए भटक रही हैं. पोषण आहार अनुदान योजना (Aahar Anudan Yojana) में बैगा महिलाओं के खाते में हर महीने एक हजार रुपए दिए जाते हैं. लेकिन आठ महीने से इनके खाते में ये राशि नहीं आई है. आदिवासी बाहुल्य शहडोल जिले में आदिवासी बैगा महिलाओं को आहार अनुदान योजना के अंतर्गत दी जाने वाली एक हजार रुपए की राशि आठ महीने से इनके खाते में नहीं आई है. 

यह भी पढ़ें : भोपाल उत्तर विधानसभा : आरिफ के बेटे आतिफ ने संभाली कमान, बागी चाचा रहे पीछे, नहीं दिख पाया BJP का 'आलोक'

Advertisement

लाड़ली बहना योजना के बाद बंद हो गई राशि

जिले के गोहपारू ब्लॉक के हर्रा टोला गांव से आईं बैगा महिलाओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर शिकायत की और प्रशासन और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. आठ महीने से आहार अनुदान की राशि न मिलने से गरीब बैगा आदिवासी महिलाओं का घर चलाना मुश्किल हो गया है. बैगा महिलाओं का यह भी कहना है कि लाड़ली बहना योजना के आने से उनकी आहार अनुदान की राशि खाते में आना बंद हो गई. वे आठ महीने से जनपद से लेकर ऑफिसों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन अभी तक उनके खाते में आहार अनुदान के एक हजार रुपए नहीं आए हैं. 

Advertisement

यह भी पढ़ें : इस स्कूल के मास्टर जी अभी व्यस्त हैं, कृपया थोड़ी देर बाद संपर्क करें! छत पर लगी बच्चों की क्लास

Advertisement

आदिवासियों के हितों के लिए दावे करती है सरकार

प्रदेश सरकार आदिवासियों के हितों के लिए लाख दावे करती है. शासन की ओर से बैगा जनजाति को विशेष संरक्षण दिया जाने का दावा किया जाता है लेकिन शहडोल जिले में बैगा महिलाओं की आहार अनुदान योजना आठ महीने से ठप्प पड़ी हुई है. जहां एक ओर भाजपा ने महिलाओं और लाड़ली बहना योजना के दम पर प्रदेश में दोबारा बंपर मतों से रिकॉर्ड जीत दर्ज की और 163 सीटें लाई है. वहीं गरीब आदिवासी लाड़ली बैगा बहनें और महिलाएं पिछले आठ महीने से आहार अनुदान योजना के एक हजार के लिए ऑफिस के चक्कर काट रही हैं.

Topics mentioned in this article