MP के हैंडक्राफ्ट ने जापान में किया सबको आकर्षित, बाग प्रिंट ने इंडिया मेले में मचाई धूम

Bagh Printing: बाघिनी नदी के तट पर बसा ग्राम बाग अपनी गुफ़ाओं और कपड़ों पर प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल कर पारंपरिक रूप से किये जाने वाले बाग प्रिंटिंग (Bagh Printing) के लिए प्रसिद्ध है. मोहम्मद यूसुफ खत्री जैसे अनेक कारीगर यहां हैं जिनका यह पुश्तैनी पेशा है. हाल ही में मोहम्मद यूसुफ खत्री ने जापान में बाग प्रिंट का प्रदर्शन किया है. आइए जानते हैं जापान के क्या कुछ हुआ?

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Bagh Print: मध्यप्रदेश के धार (Dhar) जिले के बाग (Bagh) क्षेत्र की परंपरागत बाग प्रिंट हस्तकला (Traditional Indian Handicraft) ने एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में सफलता हासिल की है. शिल्प गुरु और गोल्ड मेडलिस्ट मोहम्मद यूसुफ खत्री ने हाल ही में जापान (Japan) में आयोजित कई कार्यक्रमों में मध्यप्रदेश की परंपरागत बाग प्रिंट की कला का प्रदर्शन किया, जिसने जापान के लोगों का दिल जीत लिया. जापान में आयोजित इंडिया मेले-2024 (India Mela 2024) में मध्यप्रदेश के वस्त्रों में विशिष्ट पहचान बनाने वाली बाग प्रिंट ने सभी का ध्यान न केवल अपनी ओर खींचा, बल्कि अपनी विशेष छाप भी छोड़ी. मोहम्मद यूसुफ खत्री, जो बाग प्रिंट हस्तशिल्प के पुश्तैनी कलाकार हैं, उन्होंने जापान के विभिन्न शहरों में बाग प्रिंट की मास्टर क्लासेस और कारीगरी का प्रदर्शन किया. जापान में भारतीय राजदूत सिबी जॉर्ज और वस्त्र मंत्रालय की विकास आयुक्त अमृत राज ने भी उनकी कला को सराहा.

Bagh Print: मध्य प्रदेश की खास कारीगरी बाग प्रिंट

मास्टर क्लास

यूसुफ खत्री ने वाकायामा शहर के म्यूज़ियम ऑफ मॉर्डन आर्ट में जाकर फाइन आर्ट के विद्यार्थियों और डेलीगेट्स को बाग प्रिंट की विशेषताओं से अवगत कराया. इसके बाद क्योटो के कोकोका क्योटो इंटरनेशनल कम्युनिटी हाउस में भी उन्होंने बाग प्रिंट की मास्टर क्लास ली. साकाई शहर के मीना साकाई पार्क में भी उन्होंने स्थानीय लोगों को इस कला का प्रशिक्षण दिया, जिसे काफी सराहना मिली. प्रशिक्षण के दौरान लोगों ने बाग प्रिंट की तकनीक से रूमाल भी बनाए.

Advertisement
मोहम्मद यूसुफ खत्री की जापान यात्रा ने न केवल बाग प्रिंट हस्तकला को वैश्विक मंच पर प्रमोट किया, बल्कि भारत और मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को भी सम्मान दिलाया. उन्होंने जापान के भौगोलिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आधुनिक और परंपरागत परिधानों को डिजाइन किया, जिन्हें जापानवासियों ने ख़ूब सराहा.

कहां हुआ था आयोजन?

ओसाका से लगभग 40 किलोमीटर दूर कोबे में आयोजित ‘इंडिया मेला' में तीन दिनों तक बाग प्रिंट कला का जीवंत प्रदर्शन किया गया. इस दौरान बच्चों और पर्यटकों ने बाग प्रिंट के गुर सीखे और गहरी दिलचस्पी दिखाई. जापान के लोगों ने बाग प्रिंट कला को न केवल पसंद किया, बल्कि इसके प्रति गहरी रुचि भी दिखाई. इससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय हस्तशिल्प को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है.

यह भी पढ़ें : Diwali 2024: मध्य प्रदेश में 'आनंद' से मनेगा खुशियों का त्योहार, हर घर दिवाली अभियान से होगी गरीबों की मदद

Advertisement

यह भी पढ़ें : RIC Rewa: वाइब्रेंट विंध्य, 5वीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का शुभारंभ करेंगे CM मोहन, मिलेंगी ये सौगात

यह भी पढ़ें : MP Cabinet Meeting: मोहन कैबिनेट का बड़ा फैसला, पॉक्सो पीड़िता के लिए 10 लाख रुपए, जल्द भरेंगे सरकारी पद

Advertisement

यह भी पढ़ें : Karwa Chauth 2024: करवा चौथ के दिन 16 श्रृंगार है जरूरी, ये मेहंदी डिजाइन बढ़ा देंगी आपकी खूबसूरती