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Government School: कमरा एक और कक्षाएं सात, बहुत लापरवाही है! डिंडोरी के इस सरकारी स्कूल में 180 बच्चों के भविष्य से खिलवाड़

Dindori Government School: डिंडोरी जिले के एक सरकारी स्कूल में छोटे बच्चों का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है. यहां सरकारी स्कूल में एक की कमरा है, जिसमें सात कक्षाओं के 180 बच्चे एक साथ पढ़ाई करने को मजबूर हैं. आइए आपको पूरे मामले के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.

Government School: कमरा एक और कक्षाएं सात, बहुत लापरवाही है! डिंडोरी के इस सरकारी स्कूल में 180 बच्चों के भविष्य से खिलवाड़
एक ही कमरे में सात कक्षाओं के विद्यार्थी करते हैं पढ़ाई

Government School Bad Condition: अकसर ये बहस चलती है कि सरकारी स्कूल बेहतर हैं या प्राइवेट स्कूल? कुछ राज्यों में बेशक सरकारी स्कूल निजी से बेहतर होते हैं, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही (Administrative Negligence) के कारण और भ्रष्टाचार की चकाचौंध में कई बार सरकारी स्कूलों के बच्चों का भविष्य अंधकार में पड़ जाता है. ऐसा ही एक सरकारी स्कूल (Government School) में लापरवाही का मामला मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के डिंडोरी (Dindori) जिले से सामने आया है. बजाग तहसील के अंतर्गत सुकुलपुरा गांव के शासकीय स्कूल के एक कमरे के अंदर सात कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है. एक छोटे से हॉल के अंदर केजी-वन से लेकर पांचवीं क्लास के करीब 180 नन्हे-मुन्ने छात्र बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.

एक कक्षा में चल रही सात कक्षाएं

एक कक्षा में चल रही सात कक्षाएं

लगभग बनकर तैयार है सीएम राइज स्कूल

दरअसल, सुकुलपुरा गांव में करोड़ों रुपये की लागत से सीएम राइज स्कूल भवन का निर्माण चल रहा है. ये लगभग पूरी तरह से बनकर तैयार है. लेकिन, कुछ काम और औपचारिकताएं पूरी नहीं होने के चलते फिलहाल इस नवीन भवन को हैंडओवर नहीं लिए जाने की बात कही जा रही है. करीब तीन साल पहले सुकुलपुरा गांव में जब सीएम राइज स्कूल की सौगात मिली थी, उस वक्त गांव के पुराने स्कूल भवन को तोड़ दिया गया था और वैकल्पिक तौर पर स्कूल के संचालन के लिए ठेकेदार ने एक अस्थायी भवन बनाया था. उसी अस्थायी भवन के एक कमरे में पिछले तीन साल से सात कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है, तो वहीं छठवीं से लेकर दसवीं कक्षा का संचालन पीडीएस भवन में एवं दूसरे स्कूल के भवनों में किया जा रहा है.

एक कमरे में चल रही सात कक्षाएं

एक कमरे में चल रही सात कक्षाएं

छत में कई छेद

जिस अस्थायी भवन के एक कमरे में सात कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है, उसके छप्पर में जगह-जगह छेद होने की वजह से बारिश का पानी अंदर भर जाता है. इसमें छात्र और किताबें भी भीग जाते हैं. यहां पदस्थ शिक्षक खुद कैमरे पर स्वीकार रहे हैं कि ऐसे माहौल में बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है. तो वहीं, स्कूल के प्रिंसिपल गोलमोल जवाब देकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं. सीएम राइज स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि फिलहाल नए स्कूल भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है. इस वजह से हैंडओवर की प्रक्रिया बाकी है, जबकि अभिभावक और ग्राम पंचायत के सरपंच का साफ कहना है कि शिक्षण सत्र शुरू होने के पहले निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाना चाहिए था, लेकिन मनमानी व लापरवाही के चलते नवीन भवन हैंडओवर नहीं हो पाया है.

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छात्रों की उम्मीद पर फिरा पानी

सुकुलपुरा गांव के अभिभावक और छात्रों को बड़ी उम्मीद थी कि इस शिक्षण सत्र में नए सीएम राइज स्कूल भवन में स्कूल का संचालन शुरू हो जाएगा. साथ ही, उन्नयन की प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी, जिससे दसवीं के बाद की पढ़ाई के लिए उनके बच्चों को अन्यत्र स्कूल में दाखिले के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. लेकिन, सिस्टम की लापरवाही के चलते ऐसा हो नहीं पाया.

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