MP News: ग्वालियर के नेशनल लोक अदालत में 9.50 करोड़ के अवार्ड पारित, जिले के हजारों लोगों को मिला न्याय

National Lok Adalat: कई अलग-अलग मामलों में सालों से परेशान लोगों को उनके समाधान कुछ ही मिनटों में मिल गए. ग्वालियर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया.

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Gwalior: 'बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय' की अवधारणा पर शनिवार को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर शहर में नेशनल लोक अदालत (National Lok Adalat) का आयोजन किया गया. कार्यपालक अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर (Jabalpur) के दिशा-निर्देशानुसार मौजूदा साल की दूसरी नेशनल लोक अदालत आयोजित हुई. जिला मुख्यालय ग्वालियर पर जिला न्यायालय, कुटुंब न्यायालय, श्रम न्यायालय, रेलवे न्यायालय और जिला उपभोक्ता प्रतितोषण फोरम में नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ. इसके साथ ही, सिविल कोर्ट, डबरा और भितरवार में भी लोक अदालत आयोजित की गई.

इतने मामलों का हुआ निपटारा

जिले में नेशनल लोक अदालत के लिए गठित 73 खंडपीठों द्वारा कुल 4 हजार 986 मामलों में राजीनामा कराकर आपसी समझौते के आधार पर निराकरण कराया गया. साथ ही, 15 करोड़ 8 लाख 11 हजार से ज्यादा राशि के अवार्ड पारित किए गए. नेशनल लोक अदालत से जिले के 6 हजार 571 लोग लाभांवित हुए. इस लोक अदालत में खास बात ये रही कि इस मौके पर नवाचार करते हुए नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों का निराकरण कराने वाले पक्षकारों को वन विभाग के सौजन्य से न्याय वृक्ष के रूप में लगभग 450 छायादार, फूल और फलदार पौधे भी वितरित कराये गए.

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साढ़े नौ करोड़ के अवार्ड पारित

नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला न्यायाधीश और अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ग्वालियर पीसी गुप्ता द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर और दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया. इसमें निराकृत किए गए मामलों में न्यायालयों में लंबित 880 मामलों में लगभग 9 करोड़ 30 लाख 36 हजार 771 की राशि के अवार्ड पारित हुए. इसके अलावा बैंक, नगर पालिका और विद्युत के 4 हजार 106 लंबित प्रकरणों में 5 करोड़ 77 लाख 74 हजार से अधिक की राशि लोक अदालत के माध्यम से वसूल की गई.

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निराकृत प्रकरणों में मोटर दुर्घटना के 118, चेक बाउंस के 663, आपराधिक 335, वैवाहिक 45, सिविल 55, विद्युत के 22 प्रकरण और श्रम विभाग के 10 प्रकरण सम्मिलित रहे. इस बार नेशनल लोक अदालत के माध्यम से जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के 17 मामले निराकृत हुए, जिनमें 49 लाख 57 हजार 965 के अवार्ड पारित हुए.

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