MP College: शॉर्ट अटेंडेंस पर सरकार सख्त! काॅलेज प्रोफेसर और नॉन टीचिंग स्टाफ के लिए जारी हुआ ये आदेश

Sarkari College MP: उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निर्देश में कहा गया है कि मार्च माह के वेतन का भुगतान भी सार्थक एप में दर्ज उपस्थिति के आधार पर किया जाना है. सार्थक एनालिटिकल डैश बोर्ड के द्वारा सभी शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक वर्ग के लिए इसे लागू किया गया है. इनकी दैनिक और मासिक उपस्थिति की रिपोर्ट एप के डेटा के आधार पर प्राचार्यों को उपलब्ध कराई जा रही है.

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Higher Education Department MP: शॉर्ट अटेंडेंस पर सरकार सख्त

Higher Education Department MP: मध्य प्रदेश में सरकारी कॉलेज (MP Sarkari College) में पढ़ाने वाले प्रोफेसर और प्राध्यापकों की अटेंडेंस को लेकर उच्च शिक्षा विभाग सख्त हो गया है. कॉलेजों में कुछ घंटे के लिए चेहरा दिखा कर जाने वाले स्टाफ पर विभाग ने सख्ती दिखाई है. अब कॉलेज में कम से कम 6 घंटा रुकना होगा अनिवार्य. 6 घंटे से कम उपस्थिति होने पर कटेगा वेतन, 6 घण्टे की अवधि पूरा होने पर दिन भर की सैलरी जनरेट होगी. उच्च शिक्षा विभाग में प्रोफेसर के साथ-साथ एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, लाइब्रेरियन, क्रीड़ा अधिकारी, अतिथि शिक्षक और गैर शैक्षणिक स्टाफ के लिए महीने भर की तनख्वाह अटेंडेंस के आधार पर जारी करने के निर्देश जारी किये हैं. मंत्री इंदर सिंह परमार ने इस मामले में सख्त निर्देश दिए थे, उसी को लेकर ये आदेश जारी किया गया है.

सरकार द्वारा जारी निर्देश में क्या है?

इससे पहले विभाग द्वारा फरवरी में दो अलग-अलग पत्र लिखकर वेतन का भुगतान सार्थक एप पर उपस्थिति के आधार पर जारी करने के निर्देश दिए गए थे. उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निर्देश में कहा गया है कि मार्च माह के वेतन का भुगतान भी सार्थक एप में दर्ज उपस्थिति के आधार पर किया जाना है. सार्थक एनालिटिकल डैश बोर्ड के द्वारा सभी शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक वर्ग के लिए इसे लागू किया गया है. इनकी दैनिक और मासिक उपस्थिति की रिपोर्ट एप के डेटा के आधार पर प्राचार्यों को उपलब्ध कराई जा रही है.

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उच्च शिक्षा विभाग के संचालक वित्त द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि प्राचार्य डीडीओ हर शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक संवर्ग का वेतन हर माह की 30 तारीख को बनाएंगे. इसमें सार्थक एप पर दर्ज की गई उपस्थिति तथा हर वर्किंग डे में कम से कम छह घंटे की उपस्थिति को देखा जाएगा.

सभी संवर्ग के स्टाफ की अनुपस्थिति को प्राचार्य उनके अवकाश के साथ समायोजित कर सकते हैं, जिसे ईएचआरएमएस के लीव मैनेजमेंट सिस्टम में दर्शाया जाएगा. इसके लिए लीव मैनेजमेंट सिस्टम का माड्यूल विकसित किया जा रहा है. इस मामले में निर्देशों के उल्लंघन में किसी भी तरह की लापरवाही के लिए प्राचार्य और डीडीओ ही जिम्मेदार माने जाएंगे.

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