आदिवासी बालक छात्रावास के लिए 10 लाख में बनी सीसी रोड कुछ ही दिनों में उखड़ी, भ्रष्टाचार का खुला खेल

अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ में आदिवासी छात्रों के लिए बनाई गई सीसी सड़क शुरू होते ही उखड़ने लगी है. 10 लाख रुपये की लागत से बनी यह सड़क अब भ्रष्टाचार और लापरवाही का बड़ा उदाहरण बन चुकी है.

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अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ में आदिवासी बालक छात्रावास बसनिहा के लिए बनी सीसी सड़क कुछ ही दिनों में टूटने लगी है. 15वें वित्त आयोग से स्वीकृत 10 लाख रुपये की यह सड़क छात्रों और ग्रामीणों के लिए बनाई गई थी, लेकिन इसकी हालत देख यह साफ हो गया है कि निर्माण के दौरान न तो गुणवत्ता का ध्यान रखा गया और न ही तकनीकी मानकों का.

यह सड़क जनपद मुख्यालय से केवल दो किलोमीटर दूर है, जहां छात्रावास, प्राथमिक विद्यालय और आयुर्वेद औषधालय एक ही परिसर में स्थित हैं. लंबे इंतजार के बाद बनी सड़क की ऊपरी सतह उखड़ गई है और गिट्टियां बाहर आने लगी हैं. छात्रावास के छात्रों का कहना है कि ठेकेदार और इंजीनियर की मिलीभगत के कारण सड़क घटिया सामग्री से बनी. अब निर्माण में हुई खामियों को छिपाने के लिए ऊपर से लेपन कर मामला रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही है.

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सड़क के बिल्कुल बीच में बिजली का ट्रांसफार्मर खड़ा है. यह लापरवाही न सिर्फ तकनीकी दृष्टि से गलत है बल्कि दुर्घटना का खतरा भी बढ़ाती है. इससे साफ होता है कि सड़क बनाते समय जमीन पर वास्तविक स्थिति को नज़रअंदाज़ किया गया.

इस मामले को NDTV ने प्रमुखता से दिखाया था. खबर के बाद सड़क की स्वीकृति और निर्माण तो हो गया, लेकिन जब NDTV की टीम निरीक्षण करने पहुंची, तो सड़क की वास्तविकता खुलकर सामने आ गई. टीम ने मौके से ही जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के सीईओ गणेश पाण्डेय को जानकारी दी. शिकायत पर तुरंत संज्ञान लेते हुए सीईओ मौके पर पहुंचे और खराब निर्माण पर पेमेंट रोकने व जांच के निर्देश दे दिए.

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छात्रों और ग्रामीणों की मांग है कि मामले की गहन जांच हो और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए. उनका कहना है कि आदिवासी क्षेत्रों का विकास अक्सर कागजों में दिखाया जाता है, जबकि जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग होती है.

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