शिवपुरी में सो रहा है RTO ! अब दिव्यांग ड्राइवर ने ओवरलोड ऑटो पलटाया, 20 बच्चे घायल

शिवपुरी से एक डराने वाली खबर आई है. यहां स्कूली बच्चों को ले जा रहा एक ऑटो पलट गया और उसमें सवार 20 मासूम बच्चे घायल हो गए. इनमें से तीन की हालत गंभीर है. जिसकी वजह से उन्हें शिवपुरी अस्पताल रेफर करना पड़ा.

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Shivpuri Overloaded school vehicle: शिवपुरी से एक डराने वाली खबर आई है. यहां स्कूली बच्चों को ले जा रहा एक ऑटो पलट गया और उसमें सवार 20 मासूम बच्चे घायल हो गए. इनमें से तीन की हालत गंभीर है. जिसकी वजह से उन्हें शिवपुरी अस्पताल रेफर करना पड़ा. ये हादसा शिवपुरी के अमोला थाना क्षेत्र में नेशनल हाईवे 27 पर हुआ. अहम ये है कि इस ओवरलोडेड ऑटो को एक दिव्यांग ड्राइवर चला रहा था. ऑटो में 5 साल से 9 साल तक के बच्चे सवार थे. ऐसे में सवाल उठता है कि यहां ऑटो पलटा या सिस्टम?

मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार सुबह सलैया गाँव से करीब 20 बच्चों और एक टीचर को लेकर एक ऑटो आर. के. पब्लिक स्कूल जा रहा था. सुबह 8 बजे ऑटो तेज रफ़्तार में सड़क पर बने एक गड्ढे से टकराया और दो बार पलट गया. जिससे मौके पर अफरातफरी मच गई. हादसे के बाद बच्चों को तुरंत सिरसौद स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टर और स्टाफ मौजूद ही नहीं थे. मजबूरी में घायल बच्चों को अलग-अलग प्राइवेट अस्पतालों में ले जाकर इलाज कराना पड़ा. गनीमत रही कि इस पूरे हादसे में कोई जन हानि नहीं हुई है.

लापरवाही की पूरी कहानी

सवाल है कि इतनी बड़ी लापरवाही का जिम्मेदार कौन है?

ओवरलोडिंग: एक छोटे से ऑटो में 20 बच्चों को ठूंस-ठूंसकर ले जाया जा रहा था. किसकी अनुमति से?

दिव्यांग ड्राइवर: सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि ऑटो को एक दिव्यांग ड्राइवर चला रहा था, जिसके एक हाथ की उंगलियाँ नहीं हैं. गांव वालों ने कई बार स्कूल मैनेजमेंट को चेताया था, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया.

आरटीओ की अनदेखी: ये कोई पहली घटना नहीं है.पिछले 25 दिन में ये शिवपुरी में स्कूली वाहनों का दूसरा बड़ा हादसा है. 22 अगस्त को बैराड़ में भी प्रथा स्कूल का वाहन पलट गया था. बावजूद इसके, शिवपुरी का आरटीओ विभाग सोया हुआ है.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल संचालक सिर्फ़ कमाई के चक्कर में बच्चों की जान को खतरे में डाल रहे हैं और प्रशासन इस पर आंखें मूंदे बैठा है. ये बच्चों की ज़िंदगी का सवाल है, लेकिन यहां सबको सिर्फ़ कागज़ी खानापूर्ति की फिक्र है. इस पूरे मामले में पुलिस जाँच कर रही है, लेकिन असली सवाल ये है कि जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी?

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