
Ethanol Blended Petrol: केंद्र सरकार ने उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है, जिनमें पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण (ई20) के संभावित नकारात्मक प्रभाव, खासकर पुराने वाहनों और ग्राहक अनुभव के बारे में चिंता जताई गई थी. पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हालांकि, ये चिंताएं काफी हद तक निराधार हैं और इसे लेकर वैज्ञानिक प्रमाण या विशेषज्ञ विश्लेषण का भी अभाव है." उन्होंने आगे कहा कि पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण से वाहनों को नुकसान पहुंचने या उपभोक्ताओं को अनावश्यक परेशानी होने की बात 'वास्तविक तथ्यों' पर आधारित नहीं है और इसमें तकनीकी आधार का भी अभाव है.
टेस्टिंग क्या कहती है?
सरकार ने कहा कि कार्ब्युरेटेड और फ्यूल-इंजेक्टेड व्हीकल के पहले 1,00,000 किलोमीटर के दौरान हर 10,000 किलोमीटर पर टेस्टिंग के माध्यम से वाहनों के मैकेनिकल, एनर्जी और पर्यावरणीय प्रदर्शन पर इथेनॉल-पेट्रोल मिश्रण के उपयोग के प्रभाव पर इंटरनेशनल स्टडी से सांख्यिकीय रूप से पावर और टॉर्क जनरेटर तथा ईंधन की खपत में कोई अंतर नहीं दिखा.
ईंधन दक्षता को लेकर मंत्रालय ने कहा कि इथेनॉल, पेट्रोल की तुलना में ऊर्जा घनत्व में कम होने के कारण, माइलेज में मामूली कमी लाता है.
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स ने क्या कहा?
मंत्रालय ने इस बात पर जोर देते हुए कहा, "बेहतर इंजन ट्यूनिंग और ई20-संगत सामग्रियों के इस्तेमाल से दक्षता में इस मामूली गिरावट को और कम किया जा सकता है, जिन्हें प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माता पहले ही अपना चुके हैं. दरअसल, सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने पुष्टि की है कि अपग्रेडेड कंपोनेंट्स वाले ई20-संगत वाहन अप्रैल 2023 से बाजार में आने शुरू हो गए हैं. इस प्रकार, यह आरोप कि ई20 ईंधन दक्षता में भारी गिरावट लाता है, जो तथ्यात्मक रूप से गलत है."
मंत्रालय ने कहा कि यह बदलाव सस्ता है और वाहन की नियमित सर्विसिंग के दौरान आसानी से किया जा सकता है.
बेहतर राइड क्वालिटी : केंद्र सरकार
इथेनॉल की ऑक्टेन संख्या 108.5 होती है, जो कि पेट्रोल की ऑक्टेन संख्या 84.4 से ज्यादा है, जिसका अर्थ है कि इथेनॉल-पेट्रोल मिश्रण की ऑक्टेन संख्या पारंपरिक पेट्रोल से ज्यादा होती है.
मंत्रालय ने आगे कहा, "ई20 मिश्रण कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को कम करके भारत की ऊर्जा सुरक्षा को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत करता है. वास्तव में, 2014-15 से पेट्रोल के विकल्प के माध्यम से भारत 1.40 लाख करोड़ रुपए से अधिक की विदेशी मुद्रा बचा चुका है. इथेनॉल मिश्रण ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है, जिससे किसानों को 1.20 लाख करोड़ रुपए से अधिक का त्वरित भुगतान होता है, जिससे कृषि और जैव ईंधन क्षेत्रों में आय और रोजगार के अवसर पैदा होते हैं."
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