JEE Mains में MP टॉप करने वाले आदित्य ने बताए अपनी सफलता के राज, ऐसा करके क्रैक हो सकता है एग्जाम

Interview With Aditya Bhadauria: आदित्य की सफलता में लगन, मेहनत के साथ त्याग की कहानी भी छुपी है. आदित्य ने 11 वीं पास करने के बाद सोशल मीडिया तो दूर मोबाइल तक अपने पास नहीं रखा. परिवार का कोई सदस्य भी उनके सामने मोबाइल पर बात नहीं करता था.

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JEE Exam: आप इसस तरह से कर सकते हैं एग्जाम को टॉप

Madhya Pradesh:  बुधवार देर रात जेईई मेंस (JEE Mains) के नतीजे घोषित हुए. इस एग्जाम में ग्वालियर (Gwalior) के आदित्य प्रताप सिंह भदौरिया ने 99.9983 परसेंटाइल लाकर इतिहास रच दिया. उन्होंने एनटीए (NTA) की मेरिट में 25 वां स्थान हासिल किया, वहीं मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में वो टॉपर बन गए.

आदित्य ने यह सफलता कड़ी मेहनत, कठोर अनुशासन और लगन से हासिल की है. वह कहते हैं मां सदैव उनका हौसला बढ़ाती थी. परिवार के लोगों ने दो साल से घर मे टीवी नहीं देखा. वे कहते हैं टीचर और परिवार के लोगों के इस सहयोग ने उन्हें इस बात के लिए प्रेरित किया कि ऐसा कुछ करें ताकि उन्हें गर्व महसूस हो सके और मुझे खुशी है कि ऐसा हो पाया. आदित्य अब अगले मुकाम यानी आईआईटी मुंबई में जाने के लिए एडवांस की तैयारी में जुट गए हैं. एनडीटीवी के संवाददाता ने उनसे बात की. आइए जानते हैं आखिर उन्हें क्या कुछ कहा.

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ग्रामीण पृष्ठभूमि से है एमपी के टॉपर आदित्य 

आदित्य कहते हैं कि उनकी इस सफ़लता के पीछे माता - पिता अन्य परिजन, टीचर और तमाम दोस्तों का भी अलग - अलग तरह से काफी योगदान है. मुझे लगता था कि मैं ऐसा परिणाम लाऊं जिससे सभी को गर्व महसूस कर सकें. मुझे खुशी है कि यह हो सका.

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मूलतः भिंड जिले के ठेठ देहात में बसे कनावर गांव के रहने वाले आदित्य के पिता कृषि उपज मंडी समिति में कर्मचारी हैं. वहीं उनकी मां टीचर हैं. निम्न मध्यमवर्गीय परिवार के आदित्य की बड़ी बहन बीए में पढ़ रही है. इस परिणाम से उन्हें कैसा लगा? इस सवाल पर आदित्य कहते हैं बहुत अच्छा लगा कि जो मेहनत की थी उसका वैसा ही परिणाम आया.

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ऐसे की एग्जाम की तैयारी

जेईई मेंस की तैयारी कैसे की ? इस पर भदौरिया कहते हैं कि जो भी टीचर्स बोलते थे वह सब पूरी मेहनत से करता था. इसके बाद जब फ्री टाइम बचता था तो थोड़ी बुक्स पढ़ लेता था. मैने मॉक टेस्ट भी बहुत सारे सॉल्व किए, साथ ही अपने टीचर्स की सारी बातें मानीं.

कितने घण्टे पढाई की ? इस पर आदित्य कहते है कि घण्टे मैटर नही करते बल्कि मैटर आपकी क्वालिटी करती है. यानी क्वालिटी टाइम. कुछ बच्चे 12 घण्टे पढ़कर ही 18 घण्टे जैसी इफेक्टिव पढ़ाई कर लेते हैं. जहां तक मैं अपनी कहूं तो कभी भी 10 से 12 घण्टे से ज्यादा नही पढ़ा.

पढ़ाई के दौरान रहता है स्ट्रैस

आदित्य कहते है पढाई के दौरान स्ट्रैस तो रहता था लेकिन फैमिली , टीचर्स और साथी स्टूडेंट्स के सपोर्ट के कारण वह कभी हावी नहीं हो पाया. वे कहते है कि सभी उनका उत्साह बढ़ाते थे कि एकदिन जरूर अच्छा करोगे. मुझे भी लगता था कि मैं अपने पैरेंट्स और टीचर्स को प्राउड फील करवाऊं. लेकिन मेंस के पहले जब मैं मॉक दे रहा था तो वो उतने अच्छे नहीं जा रहे थे. मुझे लगता था कि मेरा मेंस भी अच्छा नही जाएगा, लेकिन मेरी मम्मी कहतीं थी कि तुम चिंता मत करो. अभी तुम स्ट्रेस ले रहे हो इसलिये मॉक अच्छे नहीं जा रहे हैं. जब मेंस में जाओगे तब तुम्हारा फोकस अच्छा होगा तुम टेंशन मत लो बस पढ़ाई करते रहो. मैंने वही किया.

मम्मी की हुई सच साबित

आदित्य की सफलता में लगन, मेहनत के साथ त्याग की कहानी भी छुपी है. आदित्य ने 11 वीं पास करने के बाद सोशल मीडिया तो दूर मोबाइल तक अपने पास नहीं रखा. परिवार का कोई सदस्य भी उनके सामने मोबाइल पर बात नहीं करता था. घर में टीवी है लेकिन दो साल हो गए किसी ने टीवी ऑन नहीं किया ताकि मेरी पढ़ाई में खलल ना पड़े. दो साल तक कभी शादी ,विवाह जैसे फंक्शन में भी नहीं गए.

युवाओं को दिए ये टिप्स

आदित्य ने अपने अनुभव से सभी तैयारी करने वाले बच्चों को कुछ टिप्स भी दीं जो इस प्रकार हैं.

उन्होंने कहा कि जो टीचर्स बोलते हैं उसे पूरी तरह से फॉलो करना चाहिए. क्योंकि उन्हें दस - पन्द्रह साल का एक्सपीरिएंस होता है. उनके अनुभवों का पूरा लाभ लेना चाहिए. मोबाइल और सोशल मीडिया से अपने आपको दूर ही रखें क्योंकि इससे फायदे कम नुकसान ज्यादा होते हैं. धैर्य और संयम के साथ ही अपने पर भरोसा रखना चाहिए. अगर टेस्ट अच्छे नहीं जा रहे तो उदास होने की जरूरत नहीं है. लगातार पढ़ना और रिवाइज करते रहना चाहिए. अगर हम सहज होकर पढ़ाई करते रहेंगे तो सफ़लता मिलना तय है.

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