एक समारोह ऐसा भी: "आओ यारों चाय पिएं" के सिग्नेचर म्यूजिक के साथ जबलपुर में आयोजित हुआ "चाय कुंभ"

Program for Tea Lovers: मध्य प्रदेश के जबलपुर में चाय बनाने वालों के सम्मान में 'चाय कुंभ' आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में हजारों लोगों की भीड़ देखी गई. जहां बच्चे, महिलाएं, युवा और बड़े-बुजुर्ग चाय की चुस्कियों का मजा लेते दिखाई दिए.

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Chai Kumbh 2024 in Jabalpur: जबलपुर (Jabalpur) में एक अनोखा कार्यक्रम "चाय कुंभ" आयोजित किया गया. "चाय कुम्भ" (Chai Kumbh) सुन कर कुछ अजीब और अनोखा लगता है. यूं तो चाय भारत की जीवनशैली का अभिन्न अंग है. चाय भारत में सिर्फ एक लोकप्रिय पेय ही नहीं, यह कई प्रकार के औपचारिक व अनौपचारिक पलों में सेतु का काम भी करती है. इस आयोजन के लिए शहर के लोगों में अपार उत्सुकता और उत्साह देखा गया. पूर्व आईएएस अधिकारी वेदप्रकाश के लक्ष्य भेदी फाउंडेशन द्वारा आयोजित चाय कुंभ-2024 (Chai Kumbh 2024) की विशेषता यह रही कि इस बार शहर के युवाओं के द्वारा अपनी प्रतिभा का बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया गया. चाहे कला का क्षेत्र हो या स्टैंड-अप कॉमेडी, एक्रोबेटिक्स हो या फ्रीस्टाइल फुटबॉल, या फिर मैजिक हो, हर क्षेत्र में प्रतिभा देखने को मिली.

चाय बनाने वालों के सम्मान में होता है कार्यक्रम

लक्ष्यभेदी फाउंडेशन द्वारा चाय कुंभ-2023 की सफलता के बाद इस वर्ष फिर से इसका आयोजन किया गया है. इस आयोजन में करीब दस हज़ार से अधिक लोगों ने भागीदारी की. चाय बनाने वाले बंधुओं के सम्मान हेतु किए जाने वाले इस उत्सव को चाय पीने वाले लोग भी उतना ही पसंद करते हैं.

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सर्द मौसम के बीच गर्म चाय की चुस्कियां

चटपटे व्यंजन के साथ चाय कुंभ का  सिग्नेचर म्यूजिक "आओ यारों चाय पिएं" लगातार लोगों को चाय पीने का आग्रह कर रहा था. युवा अपने मित्रों के साथ इस कुंभ में आनंद लेते नजर आए. वहीं कुछ लोग अपने परिवार के साथ भी चाय कुंभ के दूसरे आयोजन में मजे करते नजर आए. इस दौरान मंच पर सुर लहरियां गूंज रहीं थी, युवा अपनी मस्ती में झूम रहे थे, सेल्फी का सिलसिला भी जारी था. चाय कुम्भ में पहुंचे लोगों के मन में चाय के विभिन्न फ्लेवर्स को लेकर खासी उत्सुकता दिखी. तंदूरी चाय तो सबकी पसंदीदा रही. उसके बनाने की विधि को भी लोगों ने स्टाल पर पहुंचकर देखा. तंदूरी चाय का फ्लेवर अपने आप में अनोखा है.

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100 से ज्यादा स्टॉल लगे

चाय अब भारत में संस्कृति है. हम हर आने-जाने वाले मित्रों और मेहमानों को चाय का आग्रह कर स्वागत करते हैं. लेकिन, चाय वालों को कभी कोई सम्मान नहीं मिलता. इस आयोजन में चाय वालों को प्रोत्साहन तो मिलता ही है, साथ ही शहर के लोगों को एक अलग तरह का माहौल भी मिलता है. संस्कारधानी के मिजाज से तालमेल बैठाने वाले इस चाय कुंभ में करीब 100 से ज्यादा चाय स्टॉल लगे. जिसमें अच्छी खासी भीड़ नजर आई.

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