JAH Gwalior: आईसीयू में आग, मौत पर सस्पेंस, बेटे ने कहा- पिता की नब्ज नहीं, डीन बोले- मरीज वेटिंलेटर पर

Jaya Arogya Hospital Gwalior: गजराराजा मेडिकल कॉलेज (GRMC) समूह के जयरोग्य अस्पताल में अति गंभीर मरीजों का इलाज करने वाले ट्रॉमा सेंटर में आज सुबह ICU वार्ड में अचानक AC फटने से आग लग गई. जिसके चलते मरीज और उनके अटेंडर में भगदड़ जैसा माहौल बन गया था. लेकिन फायर सिस्टम की मदद से कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. तत्काल गंभीर मरीजों को अन्य वार्ड ओर ICU में शिफ्ट किया गया.

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Fire Breaks Out in The ICU of Jaya Arogya Hospital & Trauma Centre: ग्वालियर चंबल संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल (Government Hospital) JAH एंड ट्रॉमा सेंटर के ICU में AC फटने से आग लग गई, जिसके चलते मरीज और उनके अटेंडर में भगदड़ मच गई. आनन-फानन में गंभीर मरीजों को दूसरे वार्ड और ICU में शिफ्ट किया गया है, अगर समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था. एक मरीज के परिजन का दावा किया है कि इस घटना में उनके पिता की नब्ज थम गई, जबकि जेएएच के डीन का कहना है कि मरीज अभी भी वेंटिलेटर पर है. वहीं अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है.

क्या है मामला?

गजराराजा मेडिकल कॉलेज (GRMC) समूह के जयरोग्य अस्पताल में अति गंभीर मरीजों का इलाज करने वाले ट्रॉमा सेंटर में आज सुबह ICU वार्ड में अचानक AC फटने से आग लग गई. जिसके चलते मरीज और उनके अटेंडर में भगदड़ जैसा माहौल बन गया था. लेकिन फायर सिस्टम की मदद से कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. तत्काल गंभीर मरीजों को अन्य वार्ड ओर ICU में शिफ्ट किया गया.

ट्रॉमा सेंटर में शिवपुरी मेडिकल कॉलेज से रेफर होकर आए मरीज आजाद खान के बेटे आबिद का कहना है कि जिस बेड पर उसके पिता भर्ती थे, उसी पलंग के ऊपर लगा ऐसी फटा था. अफरा-तफरी में पिता को वेंटिलेटर सहित पलंग को ट्रॉमा सेंटर से बाहर निकाला लाए थे, लेकिन तब तक उनकी नब्ज जा चुकी थी.

इस मामले में डीन डॉ आर के एस धाकड़ का कहना है कि हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है, हादसे के समय भी 10 मरीज वेंटिलेटर पर भर्ती थे. आजाद खान मरीज M1 (यानी- ब्रेन डेड) को शिवपुरी से ग्वालियर ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था. उसकी सर्जरी भी की है उसे दूसरे ICU में शिफ्ट किया गया है वो अभी भी वेंटिलेटर पर है विशेषज्ञ डॉक्टर उसकी निगरानी कर रहे हैं.

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