धार भोजशाला में ASI सर्वे के 90 दिन हुए पूरे, अब तक मिले ये अवशेष

Dhar Bhojshala : भोजशाला कमाल मौला मस्जिद में ASI सर्वे का आज 90वे दिन का सर्वे पूरा हुआ. आज 11 अधिकारी और 36 मजदूर विवादित इमारत में सर्वे के लिए पहुंचे थे.

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धार भोजशाला में ASI सर्वे के 90 दिन हुए पूरे, अब तक मिले ये अवशेष

Dhar Bhojshala : भोजशाला कमाल मौला मस्जिद में ASI सर्वे का आज 90वे दिन का सर्वे पूरा हुआ. आज 11 अधिकारी और 36 मजदूर विवादित इमारत में सर्वे के लिए पहुंचे थे. वहीं, आज सर्वे के दौरान मिल रहे अवशेषों की फोटोग्राफी वीडियो ग्राफी की जा रही हैं. आपको बता दें कि 22 मार्च से ASI की टीम लगातार 90 दिन से इस विवादित इमारत में सर्वे का कार्य कर रही है और अब 4 जुलाई से पहले उच्च न्यायालय के आदेशानुसार ASI को रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश करनी है.

क्या बोले भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक ?

वहीं, आज 90 वे दिन के सर्वे खत्म होने के बाद बाहर आए भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा ने बताया कि उत्तरी पूर्वी भाग में मिट्टी हटाने के दौरान आज तीन अवशेष मिले हैं जिसे सर्वे टीम ने सुरक्षित किया है जिसमें भोजशाला के खंभों के अवशेष है... दीवारों के अवशेष है जिस पर आकृतियां बनी हुई है जिसे हम सनातन धर्म से जोड़ सकते हैं. वहीं, गोपाल शर्मा ने बताया कि आज जो अवशेष निकले थे. उनकी फोटोग्राफी वीडियोग्राफी की गई उत्तरी पूर्वी भाग में मिट्टी हटाने का उत्खनन का काम चला है. जिन विधाओं के काम पूरे हो चुके हैं... उन अधिकारियों ने अपने रिपोर्ट बनाना चालू कर दी है और अधिकारियों के पास कई विधाओं की रिपोर्ट जमा भी हो गई है. अभी कुछ बचे हैं वह अपना काम कर रहे हैं 4 तारीख के पूर्व शायद हाई कोर्ट में वह रिपोर्ट जमा कर देंगे.

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मुस्लिम याचिकाकर्ता अब्दुल समद ने कही ये बात

वहीं, मुस्लिम याचिकाकर्ता अब्दुल समद ने बताया कि आज उत्तरी क्षेत्र में मॉन्यूमेंट्स के कोने में जो डीगिंग और खुदाई लेबलिंग चल रही थी वह आज जारी रही. इसके अलावा जो अवशेष मोल्डिंग के और पिलर के टुकड़े वगैरा थे उनका डॉक्युमेंट्सेन किया गया था. उनकी फोटोग्राफी वीडियो ग्राफी की गई है. समद ने बताया कि आज यही काम चला है.... बाकी टीम से रिपोर्ट तैयार करने का काम किया जा रहा है. आगामी दिनों में बहुत जल्द कोर्ट के आदेश अनुसार रिपोर्ट पेश की जायेगी.

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वहीं, अब्दुल समद ने फ्रंट गेट को लेकर कहा कि फ्रंट दरवाजे पर को दो ओटले बने हुए थे. उनका कहना ये था कि ये बाद में बने हुए है.. जो असली स्वरूप हैं बिल्डिंग का वो नीचे हैं और उन्होंने ये कह कर उसे रिमूव कर दिया कि इसे हम सैकड़ो सालों से देखते आ रहे हैं. ये बिल्डिंग का मूल स्वरूप बिगाड़ने की साजिश और कोशिश भी थी जिस पर हमने आपत्ति भी दर्ज करवाई हैं.

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