Constitution Day: इंदौर (Indore) में संविधान दिवस (Samvidhan Divas) पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) और वरिष्ठ अधिवक्ता व राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर प्रश्न खड़े किए. दिग्विजय सिंह ने कहा कि- “अब एक तंत्र और लोकतंत्र के बीच लड़ाई है.” प्रधानमंत्री ने चुनाव आयोग की साख बचाने के नाम पर 272 रिटायर्ड अफसरों से हस्ताक्षर करवाए, जिनमें कई भाजपा–आरएसएस से जुड़े और भ्रष्टाचार के आरोपी लोग शामिल हैं. चुनाव आयोग पूरी तरह से सत्ता के दबाव में “बेईमानी” पर उतर आया है.
SIR पर दी चेतावनी
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि "भाजपा SIR प्रक्रिया के माध्यम से मतदाताओं के अधिकार छीनने की कोशिश कर रही है—बिहार में 65 लाख भारतीयों को मताधिकार से वंचित किया गया."
आगे उन्होंने चेतावनी दी कि “यदि नागरिकता छीन ली गई और मनचाही वोटर लिस्ट बना दी गई तो देश में लोकतंत्र नहीं, एक तंत्र का राज रह जाएगा.”
विवेक तन्खा ने भी SIR प्रक्रिया को लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला बताते हुए कहा कि यह मतदाताओं के संवैधानिक अधिकारों का हनन है. दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा ने युवाओं से विशेष अपील की. उन्होंने कहा “देश के लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की सबसे बड़ी जिम्मेदारी आज के युवाओं पर है. अब खामोश रहने का समय नहीं है.
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