ग्वालियर अंचल पर डेंगू कहर बनकर टूट पड़ा है. यहां एक दिन में डेंगू के 28 मामले सामने आने से हड़कंप मच गया है. ग्वालियर में अंचल की इकलौती लैब है. इस लैब में जांच के आंकड़े बताते हैं कि इस साल जनवरी से अब तक कुल 65 लोगों को डेंगू हुआ था. वहीं, चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें से 31 मरीज अकेले अगस्त के 29 दिन में ही मिले हैं.
28 डेंगू के मरीज मिले
जीआर मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायलॉजी विभाग और जिला अस्पताल मुरार की लैब में डेंगू की आशंका में लिए गए कुल 101 ब्लड सैंपल की जांच की गई तो इनमें से एक साथ 28 लोगों की रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आई. चिंता की बात ये है कि इनमें एक छह साल की बच्ची भी शामिल है.
मच गया हड़कंप
यह जानकारी मिलते ही प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. एकदम मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद मलेरिया विभाग एक्टिव हो गया है. जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. विनोद दोनेरिया ने बताया कि मरीज के यहां जाकर हमारी टीम कीटनाशक का छिड़काव कर रही है. नगर निगम भी फॉगिंग कर रहा है.
अधिकारी ने कहा कि हम सीएमएचओ के जरिए नगर निगम कमिश्नर को पत्र लिखेंगे कि जिन घरों में पहले लार्वा मिला था. अगर उनके यहां पुनः लार्वा मिलता है तो उनके खिलाफ जुर्माना वसूली की कार्रवाई की जाए.
गजराज कॉलेज में नहीं बना डेंगू का वार्ड
ग्वालियर में उपचार का सबसे प्रमुख चिकित्सा संस्थान गजराज मेडिकल कॉलेज का जेएएच चिकित्सा समूह है. अब इसका एक हजार बिस्तर का अस्पताल भी बन गया है. सूत्रों की मानें तो यहां हर साल डेंगू मरीजों के लिए एक विशेष वार्ड बनांया जाता था, जिसमें मच्छरदानी और अन्य व्यवस्थाएं होती थीं. लेकिन अभी तक यह वार्ड बनाया ही नहीं गया है.
400 घरों में कराया जाएगा सर्वे
ग्वालियर के सीएमएचओ डॉ. आरके राजौरिया का कहना है कि विभाग की इस समस्या पर निगाहें हैं. हमने गुरुवार को ही जिला मलेरिया अधिकारी और विशेषज्ञों के साथ इस मामले पर बैठक कर निर्देश दिए हैं कि जिन घरों में मलेरिया पीड़ित निकले हैं उनके आसपास के 400 घरों में गहन सर्वे कराया जाए. उनमें दवा का छिड़काव किया जाए. इस तरह के निर्देश सभी ब्लॉक में दिए गए हैं. यह काम शुरू भी हो गया है.