पकड़ा गया 14 भूतों का डर दिखाकर करोड़ों ठगने वाला सरगना, 3 साल से था फरार

Fraud in MP: मध्‍य प्रदेश के जबलपुर में भूत, पिशाच का डर दिखाकर महंगी एसयूवी ली. फिर फर्जी कंपनी बनाकर उनके बेटे को उसमें पार्टनर बनाया. इसके अलावा चैक और नकद समेत कुल एक करोड़ का चूना लगाया.

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Fraud of Rs 1 crore by showing fear of ghosts and death in MP: मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक सनसनीखेज ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें भूत-प्रेत और मौत का भय दिखाकर ठगों के गिरोह ने एक परिवार से 45 लाख रुपये का घर ही ठग लिया और फिर खुद उस घर पर कब्जा जमा लिया. ठगों ने यह कहकर परिवार को डराया कि उनके घर में 14 भूत-प्रेत रह रहे हैं, जिन्हें शांत करने के लिए एक अलग घर बनाना होगा. कुछ दिनों तक ठगों ने उस नए घर में पूजा-पाठ का ढोंग रचकर भूत भगाने का नाटक किया, फिर आखिरकार उसी घर पर खुद रहने लगे. इस गिरोह का सरगना 42 साल का अरुण दुबे है. 

कैसे गिरोह ने परिवार से ठग लिए एक करोड़ रुपये?

अरुण और उसके साथियों ने पहले परिवारों को ज्योतिष विद्या और पूजा-पाठ के नाम पर अपने जाल में फंसाया और फिर भूत-प्रेत का डर दिखाकर उनसे मोटी रकम ऐंठी. पहले उन्होंने गुलाबचंद बातव और उनके परिवार को यह कहकर ठगा कि उनकी जमीन पर 14 भूतों का कब्जा है और उन्हें नए घर में शिफ्ट करना होगा. धीरे-धीरे इन ठगों ने परिवार से एक करोड़ रुपये ठग लिए.

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मध्य प्रदेश से लेकर यूपी और छत्तीसगढ़ तक फैला नेटवर्क

अरुण दुबे की ठगों की गैंग का नेटवर्क सिर्फ मध्य प्रदेश तक सीमित नहीं था, बल्कि छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ है. इस गैंग ने भूत-प्रेत के डर का इस्तेमाल करके कई बड़े-बड़े लोगों को ठगा. गैंग का खुलासा 2021 में तब हुआ जब तिलहरी निवासी विजेंद्र ने एसपी ऑफिस और गोराबाजार थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई. विजेंद्र के परिवार से इन ठगों ने ना सिर्फ एक करोड़ रुपये नगद ऐंठे, बल्कि उनसे एक घर भी बनवाया, जिसमें कहा गया कि उनके घर में मौजूद भूत-प्रेतों को वहां रखा जाएगा.

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42 वर्षीय अरुण कैसे बना गिरोह का मास्टरमाइंड

42 साल के अरुण दुबे ने सिर्फ 10वीं तक पढ़ाई की है, लेकिन 17 साल पहले उसने ज्योतिष विद्या सीखीं और फिर उसने ठगी की दुनिया में कदम रखा. शुरुआत में वो लोगों को उनकी राशि के अनुसार रत्न देकर उनकी समस्याएं हल करने का दावा करता था, लेकिन जल्द ही उसने भूत-प्रेत के नाम पर लोगों को डराना शुरू कर दिया. उसने अब तक व्यापारी, डॉक्टर, इंजीनियर और यहां तक कि पुलिस अधिकारी भी अपने जाल में फंसाया.

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पुलिस की गिरफ्तारी और जांच

अरुण और उसके साथी पूजा-पाठ और भूत भगाने के नाटक के जरिए लोगों को ठगने के लिए कुख्यात हो चुके थे. जब विजेंद्र ने इनके फर्जीवाड़े की शिकायत की, तब पुलिस ने कार्रवाई की और गिरोह के मास्टरमाइंड अरुण दुबे को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अब छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में भी इनकी गतिविधियों की जांच कर रही है.

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