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15 या 16 नवंबर... कब है कार्तिक पूर्णिमा? यहां जानिए सही डेट- स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और महत्व

Kartik Purnima 2024 Date: ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर किए गए दान-दक्षिणा का फल कई गुना होकर हमें वापस मिलता है. पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद तिल, गुड़, घी, फल, अन्न, कपास, कंबल, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए. साथ ही जरूरतमंद को भोजन कराना चाहिए.

15 या 16 नवंबर... कब है कार्तिक पूर्णिमा? यहां जानिए सही डेट- स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और महत्व

Kartik Purnima 2024 Kab Hai: हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2024) का विशेष महत्व होता है. इस दिन भगवान विष्णु (God Vishnu Puja), देवी लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने का विधान है. ऐसा करने से धन-संपदा और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन पूजा-पाठ और दान-पुण्य करना बेहद शुभ माना जाता है. इसके अलावा पूर्णिमा के दिन स्नान-दान भी महत्वपूर्ण माना जाता है. कहते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और शुभ फल प्राप्त होते हैं. तो आइए अब जान लेते हैं कि इस साल कार्तिक पूर्णिमा कब मनाई जाएगी और स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त क्या रहेगा.

कार्तिक पूर्णिमा सही तिथि और मुहूर्त क्या है (Kartik Purnima 2024 Date)

कार्तिक पूर्णिमा के दिन किया गया दान-पुण्य अक्षयों फलों की प्राप्ति कराता है. इस साल कार्तिक माह पूर्णिमा तिथि का आरंभ 15 नवंबर, 2024 को सुबह 6:19 बजे हो रहा है, जो 16 नवंबर 2024 को सुबह 2:58 बजे तक रहेगा. वहीं पूर्णिमा उपवास के दिन चंद्रोदय का समय 15 नवंबर, 2024 को शाम 6:51 बजे होगा. उदयातिथि पड़ने के कारण 15 नवंबर, 2024 को गंगा स्नान किया जाएगा. 

इस साल गंगा स्नान करके की सही तिथि और मुहूर्त क्या है (Ganga Snan Date 2024)

कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने का शुभ मुहूर्त सुबह 4:58 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 51 मिनट तक है. वहीं  सत्यनारायण पूजा का समय सुबह 6:44 बजे से 10:45 बजे तक रहेगा. 

कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का महत्व (Importance of Ganga Snan Date 2024)

हिंदू धर्म में मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रीहरि विष्णु जी स्वयं गंगाजल में निवास करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर किए गए दान-दक्षिणा का फल कई गुना होकर हमें वापस मिलता है. पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद तिल, गुड़, घी, फल, अन्न, कपास, कंबल, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए. इसके साथ ही जरूरतमंद को भोजन कराना चाहिए. अगर आप गंगा स्नान करने नदी या तालाब में नहीं जा रहे हैं तो घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा-सा गंगाजल डालकर, पवित्र नदियों का ध्यान करते हुए स्नान करे. ऐसा करने से भी शुभ फलों की प्राप्ति होती है.

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