Human Rights Day 2025: मानवाधिकार दिवस हर साल 10 दिसंबर को वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है. यह दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (Universal Declaration of Human Rights) को अपनाने की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर का उद्देश्य बुनियादी मानवाधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा और सशक्तिकरण की आवश्यकता को याद दिलाना है. यह इस बात पर जोर देता है कि सभी व्यक्तियों की गरिमा और सम्मान सुनिश्चित करना वैश्विक मानवता के भविष्य के लिए कितना महत्वपूर्ण है. मानवाधिकार दिवस पर संयुक्त राष्ट्र समानता, स्वतंत्रता और सभी के लिए सम्मान को बढ़ावा देता है. इस दिन दुनिया भर में कई मानवीय कार्यक्रम, गतिविधियां, चर्चाएं और अभियान आयोजित किए जाते हैं ताकि मानवाधिकारों की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके.

Human Rights Day 2025: हमारे मूलभूत अधिकार
ये हैं हमारे मूलभूत अधिकार
मानव अधिकार वे मूलभूत अधिकार हैं जो हर व्यक्ति को जन्म से प्राप्त होते हैं और जिनका उद्देश्य उसकी गरिमा, स्वतंत्रता और समानता की रक्षा करना है. संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (UDHR) के अनुसार प्रमुख मानव अधिकार इस प्रकार हैं.
- जीवन का अधिकार – हर व्यक्ति को जीवित रहने और सुरक्षा का अधिकार है.
- स्वतंत्रता और समानता का अधिकार – सभी लोग कानून के सामने समान हैं और भेदभाव से मुक्त रहने का अधिकार रखते हैं.
- विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता – अपनी राय रखने और उसे व्यक्त करने का अधिकार.
- धर्म और विश्वास की स्वतंत्रता – किसी भी धर्म को मानने या न मानने का अधिकार.
- शिक्षा का अधिकार – सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार.
- काम और उचित वेतन का अधिकार – सुरक्षित कार्य वातावरण और न्यायसंगत वेतन का अधिकार.
- स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा का अधिकार – स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच.
- न्याय का अधिकार – निष्पक्ष सुनवाई और न्यायिक संरक्षण का अधिकार.
- गोपनीयता का अधिकार – व्यक्तिगत जीवन और डेटा की सुरक्षा.
- शांति और सुरक्षा का अधिकार – हिंसा और युद्ध से मुक्त जीवन जीने का अधिकार.
क्या है इतिहास?
10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा को अपनाया और वैश्विक अधिकार संरक्षण की नींव रखी. यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि कई मानवाधिकार संस्थाएं कार्यक्रम, चर्चा मंच और गतिविधियां आयोजित करती हैं ताकि लोगों को शिक्षित किया जा सके और अधिकारों की वकालत की जा सके.
आज जब मानवता भू-राजनीतिक तनाव, समुदायों के बीच दुश्मनी और घृणित अपराधों से पीड़ित है, मानवाधिकार दिवस कानून, न्याय, शांति, प्रेम और सहानुभूति की बहाली का आह्वान करता है.
मानवाधिकार दिवस पर ये भी जानें
- मानवाधिकार दिवस की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुई.
- संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा का मसौदा तैयार किया, जो हर व्यक्ति के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयास का प्रतीक है.
- दुनिया के सभी क्षेत्रों से विविध कानूनी और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि वाले प्रतिनिधियों ने दस्तावेज़ को अपनाने में सक्रिय भूमिका निभाई.
- यह पहली बार था जब मौलिक मानवाधिकारों को सार्वभौमिक रूप से संरक्षित करने का संकल्प लिया गया.
- यह कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि नहीं है, लेकिन इस घोषणा ने 60 से अधिक मानवाधिकार साधनों को प्रेरित किया.
- मानवाधिकार दिवस का वार्षिक आयोजन 1950 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित किया गया.
मानवाधिकार दिवस 2025 की थीम
इस वर्ष का आधिकारिक विषय है: “गरिमा और मानवाधिकारों के लिए होलोकॉस्ट स्मरण” (“Holocaust Remembrance for Dignity and Human Rights"). यह द्वितीय विश्व युद्ध और होलोकॉस्ट की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ को चिह्नित करता है, जब जर्मन नाज़ियों ने यहूदियों पर अमानवीय अत्याचार किए. यह दिन घृणा और भेदभाव के परिणामों पर चिंतन का आह्वान करता है.
राष्ट्रपति मुर्मू एनएचआरसी के मुख्य कार्यक्रम की करेंगी अध्यक्षता
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार को मानवाधिकार दिवस मनाने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए 'सभी के लिए गरिमा' पर अपने विचार रखेंगी. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति मुर्मू से उम्मीद है कि वह सभी के लिए बुनियादी सुविधाओं, न्याय, स्वतंत्रता, समानता और गरिमा सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी शासन और कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण पर प्रकाश डालेंगी. एनएचआरसी के अध्यक्ष वी. रामासुब्रमण्यम और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.
आयोग का मानना है कि बुनियादी सुविधाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करने और सभी के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता और गरिमा के संवैधानिक वादे को पूरा करने के लिए उत्तरदायी शासन और कुशल सार्वजनिक सेवाएं आवश्यक हैं.
सम्मेलन के दो सत्र होंगे. इन दो सत्रों में प्रतिष्ठित डोमेन विशेषज्ञों, भारत सरकार के सचिवों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के इन पहलों पर बोलने और विचार-विमर्श करने की उम्मीद है.
यह भी पढ़ें IPL 2026 Auction: नीलामी से पहले BCCI की फाइनल लिस्ट तैयार; IPL 2026 में इन प्लेयर्स पर लगेगा दांव
यह भी पढ़ें Mohan Cabinet: खजुराहो से मोहन कैबिनेट की सौगात; मेडिकल कॉलेज से सिंचाई परियोजना तक जानिए क्या मिला?
यह भी पढ़ें Cabinet Decisions: खजुराहो से बुंदेलखंड पैकेज का ऐलान; मोहन कैबिनेट ने लिए ये फैसले