Apara Ekadashi Vrat: हिन्दू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है. अपार धन और प्रसिद्धि प्रदान करने वाली अपरा एकादशी का व्रत ज्येष्ठ माह की तपती गर्मी में पड़ता है. इस व्रत को रखने से जातक की हर अधूरी इच्छा पूरी हो जाती है और वह मृत्यु के बाद बैकुंठपुर लोक को जाता है, इस साल अअपरा एकादशी 2 दिन है, गृहस्थ जीवन वाले अपरा एकादशी का व्रत 2 जून को करेंगे तो वहीं 3 जून 2024 को वैष्णव संप्रदाय की एकादशी होगी. अपरा एकादशी व्रत में क्या खाना चाहिए (What should be eaten during Apara Ekadashi fast?) और शास्त्रों में एकादशी व्रत रखने का नियम क्या है आइये जानते हैं इसके बारे में...
अपरा एकादशी पर क्या खाना चाहिए
एकादशी व्रत भगवान विष्णु के लिए समर्पित होता है. इस व्रत का पालन 24 घंटे किया जाता है. अपरा एकादशी में साधक साबुदाना, बादाम, नारियल, शकरकंद, आलू, मिर्च सेंधा नमक, राजगीर का आटा, चीनी आदि खा सकते है, यह एकादशी के नक्तभोजी व्रत नियम कहलाते हैं.
एकादशी व्रत में क्या न खाएं
एकादशी व्रत के दिन घर में ना चावल बनाएं, न हीं चावल से बनी किसी भी चीज का पालन करें, व्रती और परिवार वाले इस दिन मांस, लहसुन, प्याज, मसूर की दाल आदि का सेवन भूलकर भी न करें, ये वस्तुएं निषेध होती है.
अपरा एकादशी व्रत नियम
जलाहार- धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस एकादशी का व्रत को चार तरह से रखने का वर्णन मिलता है. कुछ लोग एकादशी का व्रत जलाहार के रूप में रखते हैं यानी सिर्फ़ जल ग्रहण करते हुए एकादशी का व्रत रखते हैं.
क्षीरभोजी- मतलब दुग्ध पदार्थों का और पौधों की दूधिया रस का सेवन करके एकादशी का व्रत रखना
फलाहारी-केवल फलों का सेवन करते हुए एकादशी का व्रत करना फलाहारी व्रत कहलाता है
नक्तभोजी- सूर्यास्त से ठीक पहले दिन में एक समय फलाहार और व्रत से संबंधित पदार्थ ग्रहण करना है यानी साबुदाना, शकरकंद आदि.
(Disclaimer: यहां पर बताई गई बातें आम जानकारियों पर आधारित है. यह किसी भी तरह से योग्य राय का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा किसी संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श करें. NDTV इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)