राजधानी भोपाल से 190 किमी पश्चिम की ओर बसा है मध्य प्रदेश का सबसे ज्यादा आबादी वाला जिला इंदौर. प्रदेश में शिक्षा का केन्द्र कहे जाने वाले इंदौर में खासियतों की कमी नहीं है. इंदौर ने पिछले 6 सालों में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 'भारत का सबसे स्वच्छ शहर' का खिताब अपने नाम किया है. इंदौर को भारत के स्मार्ट सिटी कार्यक्रम के अंतर्गत 100 शहरों की लिस्ट में चुना गया है. ये उस कार्यक्रम के पहले राउंड में चयनित होकर देश के पहले 20 शहरों में चयनित हुआ जिन्हें स्मार्ट सिटी में तब्दील किया जाएगा. इस शहर की मिट्टी ने कई नामी गिरामी कलाकारों को जन्म भी दिया है जिन्होंने आगे चलकर इस शहर का और इस देश का नाम ऊंचा किया है.
इतिहास में काफी महत्वपूर्ण रहा है इंदौर
आजादी से पहले इस शहर पर मुख्य रूप से होल्कर राजवंश का शासन रहा. 1728 में मराठाओं ने मुगलों को हराकर क्षेत्र पर अपना कब्जा जमा लिया और इसे मल्हार राव होलकर को सौंप दिया.
वह राजनीति के साथ साथ युद्ध कला में भी निपुण थीं. साल 1818 में ब्रिटिश ने मराठाओं को हराया लेकिन इसके बावजूद इंदौर को फिर भी एक राज्य का दर्जा प्राप्त रहा.
औद्योगिक विकास और संस्कृति
इंदौर हमेशा से एक व्यवसायिक केंद्र रहा है. यहां हर प्रकार की इंडस्ट्री हैं. इनमें निर्माण, आईटी, शिक्षा सहित अन्य कई सेक्टर्स से जुड़ी हुई कंपनियां शामिल हैं. यहां कई मल्टीनेशनल कंपनियों के दफ्तर भी देखने को मिल जाएंगे. इसके अलावा इंदौर अपने खानपान के लिए भी दुनिया भर में प्रसिद्ध है. यहां की इंदौरी सेव और पोहा जलेबी को भला कौन नहीं जानता होगा. इन सब को चखने के लिए देश-विदेश से लोग इस शहर में खिंचे चले आते हैं. इस शहर को मिनी मुंबई के नाम से भी जाना जाता है.
पर्यटन स्थल एवं मुख्य आकर्षण़
इस शहर में घूमने लायक जगहों की कोई कमी नहीं है. राजवाड़ा पैलेस उन्हीं में से एक है. यह ऐतिहासिक सात मंजिला इमारत होलकर शासकों ने करीब दो शताब्दी पहले बनवाई गई थी. इसके अलावा
जो अपनी अपनी विशेषताओं से लोगों को आकर्षित करने का काम करते रहते हैं.
इंदौर एक नजर में