
मध्य प्रदेश की कटनी में इन दिनों अनोखा चुनाव चल रहा है. इस चुनाव में एक ही प्रत्याशी हैं, चुनाव प्रचार हुआ, अब दो दिन से वोटिंग चल रही है और कल सील लगी मत पेटी को जनता के समक्ष खोलकर काउंटिंग की जाएगी. इन दिनो मतदान केंदों में लंबी लाइन लगाकर लोग अपने वोट डाल रहे हैं , इस चुनाव में हां या ना लिखकर ही वोट डालना है.
हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के कटनी विजयराघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र की इस क्षेत्र से वर्तमान में बीजेपी के विधायक संजय सत्येंद्र पाठक निर्वाचित हुए हैं.

आम सभा में कर दिया वायदा
दरअसल, विकास यात्रा कार्यक्रम के दौरान विधायक संजय पाठक ने इस तरह के जनमत संग्रह कराने का ऐलान करते हुए दावा किया था कि उन्हें 50 फीसदी वोट से 1 वोट भी कम मिला तो वे चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसी के लिए यह चुनाव प्रक्रिया पिछले 7 दिनों से चल रही है.

दरअसल यहां की विजयराघौगढ़ से बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र से जनमत संग्रह करा रहे हैं. दावा है कि यदि 50 प्रतिशत वोटर्स से ज्यादा मतदाताओं ने उन्हें चुनाव लड़ने सहमति और समर्थन नहीं दिया तो वे चुनाव मैदान से हट जाएंगे. देश में यह अपनी तरह का पहला प्रयोग है.
एक-एक मतदाता को दिया गया सहमति पत्र
इस जनमत संग्रह के लिए विधायक के तमाम बूथों पर मतपेटियां रखवाई हैं. जिनमें मतदाता पर्ची की जगह सहमति पत्र डालने के लिए वितरित कराए गए हैं. 21 अगस्त से 25 अगस्त तक का समय जनता को दिया गया है, कि वे समय निकालकर अपना-अपना सहमति पत्र मतपेटियों में डाल दें. विधायक ने दावा किया है कि यह जनमत संग्रह भी पूरी तरह से गोपनीय है, कौन स्वीकृति देगा और कौन नकारेगा, इसका पता किसी को नहीं चल पाएगा, खुद उन्हें भी नहीं.
97 वर्षीय बुजुर्ग राजा पंडित ने किया पहला मतदान
वोटिंग की शुरुआत विधायक संजय सत्येंद्र पाठक ने बंजारी स्थित क्षेत्र के 97 वर्षीय बुजुर्ग राजा पंडित के निवास में जाकर पहला मतदान करवाया, इसके अलावा मीसाबंदी राम सुजान जी से भी मतदान करवाया गया. इसके बाद सभी मतदान केंद्रों में मतदान दल रवाना किया गया.
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25 अगस्त को होगी मतगणना
तय कार्यक्रम के तहत 25 अगस्त को मतपेटी खोले जाएंगे और जनमत संग्रह के रिजल्ट की घोषणा भी की जाएगी. इसके लिए 280 मतदान केंद्रों पर रखी गई पेटियों को खोलकर वोट गिने जाएंगे.
कवायद के पीछे यह कारण
राजनीतिक पंडित मानते हैं कि बीजेपी आलाकमान ने तय किया था कि विधानसभा चुनाव में 100 से ज्यादा सीटों पर वह नए चेहरे उतारेगी. ऐसे में बीजेपी के कई कद्दावर विधायकों के माथे पर बल पड़ गए थे. पार्टी के इस फैसले के बाद कई दिग्गज नेताओं ने ताल ठोंकते हुए बयानबाजियां की थीं. जिसमें कई पूर्व मंत्री भी शामिल थे. माना जा रहा है कि बीजेपी नेतृत्व को संदेश देने के लिए ही पूर्व मंत्री संजय पाठक ने इस मतदान को आयोजित किया है. ताकि पार्टी नेतृत्व उनका दमखम भी नाप ले और विधानसभा क्षेत्र में चुनाव से पहले ही जनता तक उनकी पहुंच और प्रगाढ़ हो जाए.
विरोधी इसे महज चुनावी स्टंट बता रहे हैं
विरोधी इसे महज चुनावी स्टंट करार दे रहे हैं, उनका तर्क है कि जो कुछ भी हो रहा है बीजेपी विधायक की देखरेख में ही हो रहा है. ऐसा जनमत संग्रह विश्वसनीय नहीं माना जा सकता. वैसे कानून के जानकार कहते हैं कि इस तरह से रायशुमारी कराना कानून सम्मत नहीं है.