जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी ने 75 रुपये की डिग्री के लिए वसूला 4500 डॉलर, हाईकोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब

जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी की एनआरआई छात्रा से गलत तरीके से फीस वसूला गया. जिसमें छात्र का दावा है कि, 75 रुपये की डिग्री के लिए उससे लाखों रुपये लिये गए. छात्रा ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

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हाईकोर्ट ने छात्रा के दावे पर लिया संज्ञान

Jabalpur Medical Science University: मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी का विवादों से गहरा नाता है. यहां कभी परीक्षाएं समय से न लेने पर बवाल होता है तो कभी रिजल्ट न आने पर छात्रों का गुस्सा फूटता है. अब यूनिवर्सिटी से जुड़ा एक और मामला सामने आया है जिसपर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है. मामला एक एनआरआई छात्रा से गलत तरीके से फीस लेने का है. जिसमें छात्रा का दावा है कि, 75 रुपये की डिग्री के लिए उससे लाखों रुपये लिये गए. छात्र ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी है. जिस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और यूनिवर्सिटी से जवाब मांगा है.

75 रुपये की डिग्री के लिए लिया गया 4500 डॉलर

दरअसल, जबलपुर मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में MBBS की डिग्री देने के बदले एक NRI छात्रा से 4800 डॉलर यानी करीब 4 लाख रुपये वसूले गए हैं. अब छात्रा ने दावा किया है कि, मेडिकल यूनिवर्सिटी में सभी छात्रों से इसी डिग्री के लिए मात्र 75 रुपये लिये जाते हैं. लेकिन NRI छात्रा से 4800 डॉलर वूसला गया. जब छात्रा को इस बारे में पता लगा कि, उससे ज्यादा फीस लिये गए हैं तो उसने हाईकोर्ट में इसे चुनौती दे दी. हाईकोर्ट ने भी इस पर संज्ञान लिया और हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच चीफ जस्टिस रवि मालिमठ और जस्टिस विशाल मेहरा की बेंच ने इस पर सुनवाई की.

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लिया गया फीस

1. E-Consortium Fee- 1000$
2. Library Fee 1000$
3. Sports & Cultural Fee- 1000$
4. Students Welfare Fund- 800$
5. University Development- 1000$

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आपको बता दें, जिस छात्रा से फीस वसूला गया है वह इंदौर की रहने वाली है और उसका नाम डॉ अर्पिता चौहान है. अर्पिता की ओर एडवोकेट आदित्य संघी ने हाईकोर्ट में उसका पक्ष रखा है. जिसमें कहा गया है कि, डॉ अर्पिता ने यूनिवर्सीटी से 5 साल MBBS की पढ़ाई की. लेकिन अब डिग्री मांगने पर उससे 4800 डॉलर वसूला गया है. इस बात के सबूत भी पेश किये गये हैं कि, यूनिवर्सिटी में इसी डिग्री के लिए अन्य छात्रों से 75 रुपये की राशि ली जाती है.

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वहीं, अब कोर्ट ने इस पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी की है. जिसमें मेडिकल यूर्निवर्सिटी और राज्य सरकार से जल्द से जल्द इस पर जवाब मांगा गया है.

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