खुशखबरी... इस दिग्गज अर्थशास्त्री और नीति निर्माता ने कहा- 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की ओर भारत अग्रसर

Indian Economy: अपने संबोधन में एनके सिंह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के तीसरे कार्यकाल में वह और सभी केंद्रीय मंत्री 2047 के विकसित भारत के विजन को लेकर प्रतिबद्ध हैं. अगले दशकों तक भारत को विकास दर की इस रफ्तार को बनाए रखने की जरूरत है. भारत दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था (Indian Economy) है.

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Growth Rate of India: भारत के बड़े अर्थशास्त्री (Economist) और नीति निर्माताओं (Policy Maker) में एक एनके सिंह (NK Singh) ने कहा है कि विश्व भारत के युग में प्रवेश की दहलीज पर खड़ा है और तेज वृद्धि दर होने के कारण देश 2047 तक विकसित राष्ट्र (Developed Country) बनने की ओर बढ़ रहा है. सिंह ने ये बातें लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस (London School of Economics and Political Science) यानी एलएसई (LSI) में प्रतिष्ठित मानद फेलोशिप (Fellowship) प्रदान किए जाने के दौरान अपने संबोधन में कहीं.

सम्मान मिलने बाद क्या कहा?

एनके सिंह भारत के प्रमुख अर्थशास्त्रियों में से एक हैं. वे 15वें वित्त आयोग के चेयरमैन रह चुके हैं. एनके सिंह ने आगे कहा कि उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर अमर्त्य सेन और पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन जैसे भारतीयों की श्रेणी में आकर गर्व महसूस हो रहा है.

यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया कि सिंह को दिया गया सम्मान एलएसई के साथ लंबे समय तक और प्रतिबद्ध संबंधों और एलएसई के भारत सलाहकार बोर्ड के सह-अध्यक्ष के रूप में भारत के साथ संबंधों को सुविधाजनक बनाने में उसके प्रयासों को मान्यता देता है.

अपने संबोधन में एनके सिंह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के तीसरे कार्यकाल में वह और सभी केंद्रीय मंत्री 2047 के विकसित भारत के विजन को लेकर प्रतिबद्ध हैं. अगले दशकों तक भारत को विकास दर की इस रफ्तार को बनाए रखने की जरूरत है. भारत दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था (Indian Economy) है. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की विकास दर 8.2 प्रतिशत थी, जो कि चालू वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

राज्य सभा सदस्य भी रहे हैं एनके सिंह

इससे पहले, वे राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन समीक्षा समिति (FRBM) के अध्यक्ष रह चुके हैं. वे 2008 से 2014 तक संसद के उच्च सदन, राज्य सभा के सदस्य भी रहे. इस दौरान उन्होंने लोक लेखा समिति, विदेश मामलों की समिति और मानव संसाधन विकास समिति सहित कई प्रमुख संसदीय स्थायी समितियों में योगदान दिया.

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