विरोध भगवान का है या अपने नाम का... रामलला की 'प्राण प्रतिष्ठा' में नहीं जाएंगे येचुरी, विहिप ने साधा निशाना

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने 'एक्स' पर लिखा, 'खबर है कि सीताराम नाम वाले सज्जन अयोध्या नहीं जाएंगे.' उन्होंने कहा, 'राजनीतिक विरोध समझ में आता है, लेकिन अगर किसी को उनके नाम से ही इतनी घृणा है तो वह केवल कम्युनिस्ट हो सकते हैं.'

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रामलला की 'प्राण प्रतिष्ठा' में नहीं जाएंगे येचुरी

Ram Mandir Invites: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की 'प्राण प्रतिष्ठा' कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. वाम दल ने मंगलवार को कहा कि उसका मानना है कि धर्म एक व्यक्तिगत मामला है. माकपा ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'हमारी नीति धार्मिक मान्यताओं और प्रत्येक व्यक्ति के अपनी आस्था को आगे बढ़ाने के अधिकार का सम्मान करना है. धर्म एक व्यक्तिगत पसंद का मामला है, जिसे राजनीतिक लाभ के साधन में परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए. निमंत्रण मिलने के बावजूद कॉमरेड सीताराम येचुरी समारोह में शामिल नहीं होंगे.'

वाम दल के पोलित ब्यूरो ने एक बयान में कहा कि येचुरी को अयोध्या में राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण मिला है. पार्टी ने कहा, 'माकपा की नीति धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करने और प्रत्येक व्यक्ति के अपनी आस्था को आगे बढ़ाने के अधिकार की रक्षा करने की रही है. उसका मानना ​​है कि धर्म एक व्यक्तिगत पसंद का विषय है, जिसे राजनीतिक लाभ के साधन में परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए.'

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विश्व हिंदू परिषद ने साधा निशाना

बयान में कहा गया है कि यह 'सबसे दुर्भाग्यपूर्ण' है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने एक धार्मिक समारोह को राज्य प्रायोजित कार्यक्रम में बदल दिया है, जिसमें सीधे प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारी शामिल हो रहे हैं. माकपा नेता सीताराम येचुरी पर निशाना साधते हुए विश्व हिंदू परिषद ने मंगलवार को कहा कि अगर वह 'राम, रामत्व और भारत की ओर लौट जाते हैं' तो यह उनके हित में होगा.

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'विरोध भगवान राम से है या अपने नाम से'

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने 'एक्स' पर लिखा, 'खबर है कि सीताराम नाम वाले सज्जन अयोध्या नहीं जाएंगे.' उन्होंने कहा, 'राजनीतिक विरोध समझ में आता है, लेकिन अगर किसी को उनके नाम से ही इतनी घृणा है तो वह केवल कम्युनिस्ट हो सकते हैं.' बंसल ने वीडियो जारी कर एक बयान में कहा कि येचुरी की पार्टी की प्रतिबद्धता अलग हो सकती है, लेकिन यह साफ नहीं है कि माकपा महासचिव का विरोध भगवान राम से है या अपने ही नाम से है. 

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'कब तक करेंगे विरोध?'

उन्होंने कहा, 'इस पर सफाई आनी चाहिए.' विहिप नेता ने कहा, 'देश राम और रामत्व की ओर लौट रहा है और आप कब तक इनका विरोध करेंगे.' उन्होंने कहा कि येचुरी को 'वापसी करनी चाहिए और राम, रामत्व तथा इस भारत को अपना लेना चाहिए'. बंसल ने कहा, 'अब यह आपके हित में है. अन्यथा, लोग जानते हैं कि किस तरह जवाब देना है.'

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)