Tatkal Ticket Agent Booking Process: भारतीय रेलवे (Indian Railways) में हर दिन कई लाख लोग सफर करते हैं. इनमें से ज्यादातर लोग तत्काल टिकट (Tatkal Ticket) लेकर सफर करते हैं. कुछ मजबूर होते हैं और कुछ टिकट ना मिलने के कारण इसमें टिकट करते हैं. अक्सर लोग जब इसमें खुद से टिकट करने जाते हैं, तो बहुत मुश्किल से ही मिल पाती हैं. वहीं, अगर किसी एजेंट की मदद से टिकट करवाते हैं तो आसानी से टिकट हो जाता है. लेकिन, एजेंट (Railways Agent) हर एक टिकट पर इतना अधिक चार्ज ले लेते हैं कि लोग कई बार इसी चक्कर में अपना सफर कैंसल कर देते हैं. आइए आपको बताते हैं कि आखिर एजेंट का टिकट इतनी आसानी से बुक कैसे हो जाता है...
कहां से मिलता है सॉफ्टवेयर
रेलवे के एजेंटों के पास एक खास सॉफ्टवेयर होता है, जो ऑफिशल नहीं है. ये उन्हें किसी अंजान सोर्स या ऑनलाइन किसी वेबसाइट से मिलता है. सॉफ्टवेयर के लिए एजेंटों को प्रति महीना एडवांस पे करना पड़ता है. एजेंटों को दो पीएनआर के लिए दो हजार रुपए, चार पीएनआर के लिए तीन हजार रुपए, दस पीएनआर के लिए छह हजार रुपए प्रति माह देना पड़ता है. ये खास सॉफ्टवेयर पूरी तरह से पेड होता है.
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ऐसे करते हैं टिकट बुकिंग
रेलवे के एजेंट जिस सॉफ्टवेयर से टिकट बुक करते हैं, वह उन्हें अन्य लोगों से पहले और जल्दी टिकट बुक करने का ऑप्शन देता है. इसी वजह से एजेंट किसी भी ट्रेन में आसानी से कंफर्म टिकट बुक कर देते हैं. यात्रियों को सुविधा देने के एवज में एजेंट मनमाने रूप से हर एक टिकट पर एक्सट्रा चार्ज करते हैं. इसके लिए रेलवे की ओर से कोई निश्चित रेट तय नहीं है.
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