
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Assembly Elections 2023) राज्य में उत्तर क्षेत्र के बिलासपुर जिले में मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र है, जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. पिछले विधानसभा चुनाव, यानी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल मिलाकर 270582 मतदाता थे, जिन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी को 67950 वोट देकर जिताया था. उधर, बसपा उम्मीदवार जयेन्द्र सिंह पाटले को 53843 वोट हासिल हो सके थे, और वह 14107 वोटों से हार गए थे.
इसी तरह वर्ष 2013 में मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी दिलीप लहरिया को जीत हासिल हुई थी, और उन्होंने 86509 वोट हासिल किए थे. इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी को 62363 वोट मिल सके थे, और वह 24146 वोटों के अंतर से दूसरे स्थान पर रहे थे.
इससे पहले, मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी पार्टी के प्रत्याशी डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने कुल 54002 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी, और कांग्रेस उम्मीदवार मदन सिंह डहरिया दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्हें 44794 मतदाताओं का समर्थन हासिल हो सका था, और वह 9208 वोटों के अंतर से विधानसभा चुनाव हार गए थे.
गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव, यानी विधानसभा चुनाव 2018 में छत्तीसगढ़ में 68 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, और पार्टी ने भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया था. इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रमन सिंह का 15 साल तक चला कार्यकाल खत्म हो गया था. BJP इस चुनाव में महज़ 15 सीटें ही अपनी झोली में डाल पाई थी. 2018 में छत्तीसगढ़ में सत्ता में कैसे बदलाव हुआ था, इसे समझने के लिए 2013 के चुनाव परिणाम पर भी निगाह डालनी होगी. तब BJP को 49 सीटें मिलीं थीं और कांग्रेस को 41 सीटें, लेकिन दोनों के बीच वोट शेयर का अंतर महज़ 1 फीसदी से भी कम था. अब भूपेश सरकार के पास राज्य में पहली बार बनी कांग्रेस सरकार को रिपीट करने की चुनौती है, तो BJP एन्टी-इन्कम्बेन्सी के सहारे फिर सत्ता पाने की जुगत में लगी है.