
Raipur Crime News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के कई शहर इन दिनों अपराधों की वजह से चर्चा में है. पॉश इलाके में दिन दहाड़े हत्याएं कर दी जा रही हैं. खासतौर पर चाकूबाजी की घटना ने रायपुर वालों को इन दिनों भारी चिंता में डाल दिया है. एक के बाद एक हो रही लगातार घटनाओं को लेकर अब सियासत भी शुरू हो गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि राजधानी आखिर क्यों चाकूधानी बन रही है?
बीते सोमवार को भी रायपुर में चाकूबाजी की एक भयावह घटना सामने आई. पेशे से कार ड्राइवर ईश्वर से मोबाइल लूट की वारदात हुई, उसने मोबाइल बचाने की कोशिश की लेकिन आरोपियों ने सरेआम छूरा घोंप दिया. ये वाकया रायपुर के तेलीबांधा तालाब में हुआ, जिसे शहर का दिल कहा जाता है. इसकी पहचान मरीन ड्राइव के रूप में भी है. दिन हो या रात यहां चहलकदमी बनी रहती है. लेकिन यहीं 16 सितंबर को योगिता नाम की लड़की पर भी चाकू से हमला हुआ. एक के बाद एक हुई इन वारदातों से मरीन ड्राइव आने वालों की चिंता बढ़ गई है.
वहीं इसके एक दिन पहले न्यायधानी में भी चाकूबाजी की वारदात हुई. बिलासपुर जिले के कोटा में एक होटल के सामने कुछ युवकों के बीच विवाद हुआ, मारपीट के बीच युवक ने चाकू से दूसरे युवक पर वार कर दिया. मामले में दो युवक और तीन युवतियों सहित 5 लोग गिरफ्तार हुए हैं.
चाकूबाजी... दहशत में लोग! सख्त कानून की दरकार
ऐसे अपराधों की वजह से लोग अपने आप को बेहद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. रायपुर के एक बुजुर्ग नारायणदास चंदानी कड़े कानून की मांग करते हुए कहते हैं, “कानून कड़ा करने की जरूरत है. लड़की, बच्चे या आदमी लोग सुरक्षित नहीं हैं, कानून को कड़ा करना चाहिए. यहां क्रिमिनल लोग आते हैं और चाकूबाजी हो रही है.”
सुनीति चौहान भी कड़े कानून की पैरवी करती हैं. उन्होंने कहा कि कानून सख्त होगा तो हम बेखौफ होकर घूम सकती हैं, लेकिन जिस तरह दिन दहाड़े अपराध हो रहा है, उससे हमारे फैमली वाले भी हमें निकलने से मना करते हैं. एक और युवती शोभा यादव भी इन घटनाओं पर चिंता जाहिर करती हैं. वे सवाल उठाती हैं कि पब्लिक प्लेस पर ऐसा हो रहा है. यहां आकर लोग सुरक्षित नहीं हैं तो सुनसान जगहों पर या फिर जॉब वाली जगह पर हम बेफिक्र होकर काम कैसे कर पाएंगे?
पुलिस की अलग दलील... थपथपा रही अपनी पीठ!
रायपुर पुलिस का कहना है कि पिछले 2 सालों की तुलना में चाकूबाजी की घटनाओं में कमी आई है. पुलिस आंकड़ों को लेकर अपनी पीठ थपथपाती नजर आ रही है.

रायपुर के एएसपी लखन पटले का कहना है कि लगातार पुलिस कार्रवाई कर रही है. चाकूबाजों और गुंडा-बदमाशों को लगातार थाने में बुलाकर इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. ऐसे लोग जो आदतन अपराधी हैं, उनकी फाइल खोली गई है. इसका ही परिणाम है कि चाकूबाजी की घटनाओं में पिछले 2 सालों की तुलना में कमी आई है.
क्या कहते हैं आंकड़े?
रायपुर पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि फरवरी 2023 से अगस्त 2023 की तुलना में फरवरी 2024 से अगस्त 2024 के बीच रायपुर चाकूबाजी की वारदातों में 40 प्रतिशत तक की कमी आई है, लेकिन अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं, वो कितने बेखौफ हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मरीन ड्राइव तेलीबांधा तालाब स्थल, जिससे महज 300 मीटर की दूरी पर पुलिस थाना है, वहां 15 दिन के भीतर चाकूबाजी कर 2 हत्याएं कर दी गईं. बता दें कि इसी डेढ़ किलोमीटर के रेडियस में मुख्यमंत्री, गृहमंत्री निवास है. इसी इलाके में विधानसभा अध्यक्ष, डीजीपी समेत तमाब बड़े अधिकारी, नेता और मंत्री रहते हैं.
लोगों तक कैसे पहुंच रहे हैं हथियार?
रायपुर में लगातार हो रही चाकूबाजी की घटनाओं के बीच पुलिस की चिंता इस बात की भी है कि आखिर बड़े पैमाने पर चाकू या धारदार हथियार लोगों तक पहुंच कैसे रहे हैं. एएसपी पटले का कहना है कि जिस प्रकार से चाकूबाजी का ट्रेंड देखा जा रहा है, इसमें 50 परसेंट से अधिक माइनर हैं. इनपर कोई कार्रवाई करते हैं तो उन्हें सिर्फ सुधार गृह भेजा जाता है, जहां से वो छूट जाते हैं. उन्होंने बताया, “इसमें पैटर्न है कि जितने भी चाकू मंगाए गए हैं, वो ऑनाइल साइट अमेजन, फ्लीपकार्ट से मंगाए गए हैं. उनसे हमने जानकारी मंगाई थी. फ्लीपकार्ट से जानकारी मिल गई थी. अमेजन के यहां हमने जांच की. इसमें हमने 2 हजार चाकूओं को जब्त किया.”
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बघेल ने उठाए सवाल, बीजेपी कर रही ‘चिंतन'
राजधानी में लगातार हो रही वारदातों पर सियासी पारा भी गर्म है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए सरकार पर जमकर निशाना साधा और प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर उन्होंने सवाल उटाए.
इसे लेकर बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने भी चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार की घटनाएं सामने आ रही हैं, उसको लेकर चिंतन भी किया जा रहा है, मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं और कार्रवाई भी कर रहे हैं, समीक्षा की जा रही है, पुलिसिंग और तगड़ी हो इस पर काम किया जा रहा है, राजधानी में इस तरह का अपराध होना चिंता का विषय है.
बहरहार, रायपुर में लगातार हो रहे अपराध और इन अपराधों पर हो रही सियासत का असर क्या होगा, ये तो भविष्य में ही पता चलेगा, लेकिन अपराधों ने रायपुर की जनता की चिंता जरूर बढ़ा दी है.
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