Who is Soni Sori Naxal Commander Hidma's Body? आंध्र प्रदेश–छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर मुठभेड़ में मारे गए मोस्ट वांटेड नक्सली माड़वी हिड़मा और उसकी पत्नी राजे का अंतिम संस्कार पूवर्ती गांव में किया. इसी दौरान आदिवासी अधिकारों की एक्टिविस्ट सोनी सोढ़ी हिड़मा के घर पहुंचीं और उसके शव से लिपटकर रोईं. उन्होंने शव पर काली पैंट और शर्ट डाली, जो अब चर्चा का विषय बन गया है. आइए, जानते हैं कौन हैं एक्टिविस्ट सोनी सोढ़ी हिड़मा, शव पर क्यों डाली काली पैंट-शर्ट..?
शिक्षिका से बनीं आदिवासियों की आवाज
सोनी सोढ़ी ने अपने करियर की शुरुआत सरकारी स्कूल की शिक्षिका के रूप में की थी. इसके बाद वे नक्सल गतिविधियों, गांवों में पुलिस की कार्रवाई, फर्जी गिरफ्तारियां और नक्सल संबंधी आरोपों के खिलाफ आवाज उठाते-उठाते एक्टिविस्ट बन गईं. वर्तमान में वे बस्तर के गांव में सक्रिय हैं. आदिवासी समाज की जमीन, गरिमा और अधिकारों को लेकर आवाज उठाती हैं, यही उनकी प्रमुख पहचान है.
अंतिम संस्कार से पहले हिड़मा के शव पर बिलखते परिजन, पत्नी राजे के शव को लाल जोड़ा पहनाया गया।
नक्सलियों के संबंध के आरोप में गिरफ्तारी
इससे पहले साल 2011 में सोनी सोढ़ी को नक्सलियों से संबंध होने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था. जेल में उनके साथ अमानवीय बर्ताव और शारीरिक यातना के आरोप सामने आए. मेडिकल रिपोर्टों में कई गंभीर खुलासे हुए, जिससे मामला राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाया और वे चर्चा में रहीं थी.
आम आदमी पार्टी से लड़ा चुनाव
2014 में रिहा होने के बाद सोनी सोढ़ी ने आदिवासी अधिकारों की मुहिम शुरू की. इस दौरान उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) के टिकट पर बस्तर संसदीय सीट से चुनाव भी लड़ा, हालांकि परिणाम उनके पक्ष में नहीं रहे. इसके बाद वह पुलिस की कार्रवाई और फर्जी मुठभेड़ों के खिलाफ आवाज उठाने लगी.
सोनी पर हुआ था हमला
2016 में सोनी सोढ़ी पर बस्तर में हमला भी किया गया, हालांकि उन्होंने अपनी लड़ाई जारी रखी. इस हमले को लेकर उन्होंने कहा यह उन्हें चुप कराने की कोशिश थी, लेकिन मैं कभी पीछे नहीं हटूंगी.
Why Soni Sori Placed Black Shirt and Pant on Naxal Commander Hidma's Body: शव पर काले कपड़े क्यों डाले गए?
सोनी सोढ़ी द्वारा हिड़मा के शव पर काली पैंट और शर्ट डालना उनके द्वारा दिया गया सम्मान बताया जा रहा है. यह मृत कॉमरेड के प्रति सम्मान व्यक्त करने का तरीका भी माना जाता है, जिससे सामाजिक रूप से जुड़े लोगों को यह संदेश जाता है कि वह अकेला नहीं था. साथ ही काला रंग शोक का प्रतीक माना जाता है.
क्या बोलीं सोनी सोढ़ी ?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोनी सोढ़ी ने एक प्रेसवार्ता में एनकाउंटर पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि आदिवासियों के फर्जी एनकाउंटर किए जा रहे हैं. CCM रामचंद्र रेड्डी और कोसा दादा का भी फर्जी तरीके से एनकाउंटर किया गया है.
नक्सलवाद कभी खत्म नहीं होगा.
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