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इस गांव में ‘जीवन’ पर आया महासंकट! शादियों पर भी लगा ग्रहण, जानें क्या हुआ

Chhattisgarh Water Crisis: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के मोहलाई गांव में पानी की गंभीर समस्या है. गांव के हैंडपंप सूख चुके हैं और बोरवेल से भी पानी नहीं निकल रहा है. लोगों को पानी के लिए टैंकर पर निर्भर रहना पड़ रहा है, जो महंगा और अपर्याप्त है.

इस गांव में ‘जीवन’ पर आया महासंकट! शादियों पर भी लगा ग्रहण, जानें क्या हुआ

Water crisis:  छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक ऐसा गांव है जहां पर लगातार 2-3 साल से लगातार पानी की समस्या बनी हुई है. इस गांव में पानी की समस्याओं ने ऐसा विकराल रूप ले रखा है कि इस मोहलाई नाम के गांव में 12 हैंड पंप हैं जो सूख चुके हैं. साथ ही प्रशासन के द्वारा 400 फीट गहराई का बोर भी कराया गया लेकिन यहां से भी पानी नहीं निकलता. 

लोगों की प्यास बुझाने के लिए एक टैंकर गांव में पहुंच रहा है, जो एक परिवार को केवल चार डब्बा ही पानी दे रहा है और इसके बदले 200 रुपये से 500 रुपये वसूला जा रहा है. गांव के लोगों को पर्याप्त पानी भी नहीं मिल पा रहा है. लोग यहां बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते नजर आ रहे हैं. 

क्या बोले गांव वाले? 

गांव के लोगों से जब एनडीटीवी ने पानी की समस्याओं पर चर्चा की तो उन्होंने बताया कि कई बार इसकी शिकायत कलेक्ट्रेट कार्यालय में जाकर की जा चुकी है. गांव का इलाका पथरीला होने के कारण यहां पानी का निकालना काफी मुश्किल हो गया है. प्रशासन की ओर से कई दफा पानी गांव तक पहुंचाने का प्रयास किया गया. गांव में नल-जल योजना के तहत घर-घर नल भी लगाया गया है और पाइपलाइन भी बिछाई गई लेकिन घरों में केवल नल देखने मात्र को रह गया है. 
ग्रामीणों ने पानी की समस्याओं को लेकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की. उन्होंने बताया कि बूंद-बूंद पानी के लिए गांव के लोग तरस रहे हैं. लोग दो से तीन किलोमीटर दूर पड़ोस के गांव से पानी लाकर अपनी प्यास को बुझा रहे हैं. 

शादियों पर लगा ग्रहण 

इस गांव में पानी की समस्या ने ऐसा विकराल रूप ले लिया है कि गांव में लड़के-लड़कियों की शादी में भी ग्रहण लग चुका है. इस गांव में पानी नहीं होने के कारण इस गांव में कोई भी लड़के वाले लड़कियों के लिए रिश्ता लेकर नहीं आ रहे हैं. जो आ रहे हैं वह यह कह रहे हैं कि अगर इस गांव में बेटी की शादी की जाती है तो बारातियों के लिए पानी की यहां व्यवस्था नहीं हो पाएगी. 

मोतीराम ध्रुव ने बताया कि गांव में सबसे ज्यादा साइकिल ही खरीदी जा रही है क्योंकि गांव में साइकिल के जरिए लोग पानी ढो रहे हैं. 

गांव की परेशान महिलाओं ने बताया कि वह सुबह 3:00 बजे सिर्फ पानी भरने के लिए उठाती हैं और दिनभर घर के कामों को छोड़कर सिर्फ पानी भरने का काम ही करती हैं क्योंकि घर में हर कार्य के लिए पानी की जरूरत पड़ती है. 

क्या बोले अधिकारी? 

इस पूरे मामले में धमतरी की अपर कलेक्टर रीता यादव ने कहा कि ग्रामीणों की कई बार शिकायत आ चुकी है. वहीं इस समस्याओं के निराकरण के लिए गांव में टैंकर भिजवाया जा रहा है. पीएचई विभाग को इस समस्याओं का निराकरण करने के लिए निर्देशित किया गया है. 

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