आजादी के 78 साल बाद भी ये गांव जोह रहा है विकास की बाट, यहां आज तक नहीं पहुंची बिजली, पानी और सड़क

CG News: छत्तीसगढ़ के कई ग्रामीण अंचल आज भी विकास से महरूम हैं. भरतपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत जनुवा गांव के ग्रामीणों को आज भी चुनावी वादों को इंतजार है. गांव जटखैरी मोहल्ले में न बिजली है, न पानी और न ही सड़क है. 

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CG News In Hindi: छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले के भरतपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत जनुवा के आश्रित गांव जटखैरी मोहल्ले में न बिजली है, न पानी और न ही सड़क. जल जीवन मिशन योजना भी यहां पूरी तरह फेल नजर आ रही है. हर चुनाव में जनप्रतिनिधि बड़े-बड़े वादे कर चले जाते हैं, लेकिन ग्रामीणों को आज भी इन वादों का इंतजार है.आपको बता दें कि करीब 25 घर की आबादी वाले इस गांव में मूलभूत सुविधाओं का घोर आभाव है.

बच्चों के स्कूल जाने का सपना भी बारिश के मौसम में टूट जाता है, क्योंकि कीचड़ भरे रास्ते उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने देते. ग्रामीण संतोष यादव ने कहा कि बिजली के खंभे लगने की बात तो बहुत की गई. लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ.

सभी ने सिर्फ आश्वासन दिया

पानी लेकर खेतों की पगडंडी से एक समूह में जाते हुए ग्रामीण और छोटे-छोटे बच्चे.

हम कीचड़ में चलते हैं, रास्ता तक नहीं है. पूर्व विधायक गुलाब कमरो से लेकर रेणुका सिंह तक सभी ने आश्वासन दिया, लेकिन कुछ नहीं बदला. गोरेलाल यादव ने कहा कि बिजली के लिए आवेदन दिया, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई. सड़क की हालत ऐसी है कि बच्चे स्कूल नहीं जा पाते और बीमार पड़ने पर खाट में ढोकर अस्पताल तक ले जाना पड़ता है.

गांव अंधेरे में डूबा हुआ है..

ग्रामीणों की मांग से संबंधित एक अहम दस्तावेज.

बुजुर्ग महिला बुटिया ने कहा कि यहां ना लाइट है, ना सड़क। सांप-बिच्छू निकलते हैं और पानी के लिए हमें नदी-नालों में जाना पड़ता है. मामले में सरपंच भगत सिंह नेटी ने कहा कि सरपंच बने 4 साल हो गए, लेकिन गांव की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया. उन्होंने हर स्तर पर प्रयास किया, विधायक से लेकर मंत्रालय तक गए, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ. गांव अंधेरे में डूबा हुआ है.

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75 साल से बिजली का इंतजार कर रहे रमेश सिंह

वार्ड पंच रमेश सिंह ने कहा कि गांव में पानी की समस्या सबसे बड़ी है. वो आज 75 साल से बिजली का इंतजार कर रहे हैं और अब तक कुछ नहीं हुआ. वहीं, मामले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता सुमत साय पैकरा ने कहा कि हालंही जनकपुर गए हुए थे लेकिन उन्हें ऐसी कोई समस्या नजर नहीं आई.

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