Super Exclusive Interview: NDTV से बोले छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM- माओवादी खुद बताएं उन्हें कैसा पुनर्वास चाहिए, हम तैयार हैं

NDTV Super Exclusive Interview : छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा से NDTV की जर्नलिस्ट अंबु शर्मा ने ख़ास बातचीत की. उन्होंने नक्सलवाद से लेकर गांव, गरीब, किसानों, महिलाओं और प्रदेश के विकास को लेकर खुलकर चर्चा की. पढ़िए सुपर एक्सक्लूज़िव इंटरव्यू... 

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छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM विजय शर्मा से NDTV की सीनियर सब एडिटर अंबु शर्मा ने खास बातचीत की.

Deputy CM Vijay Sharma Exclusive Interview: छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव सरकार नई नवेली है. लेकिन नक्सलवाद और पिछली सरकार के कथित घोटालों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. नक्सलवाद के खिलाफ इस मुहिम में अग्रिम मोर्चे पर नजर आ रहे हैं राज्य के डिप्टी CM विजय शर्मा. वे नक्सलियों को बातचीत का न्योता भी दे रहे हैं और उनके खिलाफ सख्त एक्शन भी ले रहे हैं. अहम ये भी है कि वे राज्य के गृहमंत्री भी हैं लिहाजा प्रदेश के विकास के कामों को लेकर भी उनकी अहम जिम्मेदारी बन जाती है. ऐसे माहौल में प्रदेश के तमाम मुद्दों पर उनसे तफ्सील से बात की हमारी सीनियर सब एडिटर अंबु शर्मा ने.

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सवाल -  छत्तीसगढ़ का नाम आते ही सभी के जहन में सबसे पहली तस्वीर नक्सलवाद की ही होती है. आपके पास गृह मंत्रालय है लिहाजा इस तस्वीर को पलटने के लिए सरकार क्या कर रही है? 

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जवाब - देश में  बहुत सारे लोगों के मन में ऐसी कल्पना है कि छत्तीसगढ़ जाएंगे तो कोई हमारे सामने बंदूक लेकर खड़ा हो जाएगा.ये तस्वीर पूरे छत्तीसगढ़ के लिए है. वे ये भी सोचते हैं कि जब वे बस्तर जाएंगे तो कोई उन्हें गोली मार सकता है...ये परसेप्शन बना हुआ है. मैं नक्सलियों से पूछना चाहता हूं कि वे चाहते क्या हैं ? किसी को तो कुछ बताएंगे? माओवाद ने दुनिया को क्या दे दिया? चीन में तो है न माओवाद. 1998-99 की एक घटना है, वहां के स्थानीय छात्रों ने लोकतंत्र के लिए आंदोलन किया था तो उनके ही देश की सरकार ने उन पर टैंक चला दिए. वहां की जनता लाल सेना की गुलाम हो चुकी है. मैं पूछना चाहता हूं कि क्या ये लोग ऐसी ही शासन व्यवस्था चाहते हैं. क्या हमें कल्याणकारी सरकार नहीं चाहिए. अगर सरकार पसंद न आए तो जनता उसे बदल सकती है. चीन में कोई सुनवाई नहीं होती लेकिन यहां सुनवाई होती है. हम नक्सलियों को साथ लेकर यही तस्वीर बदलना चाहते हैं. 

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सवाल - नक्सलियों के सरेंडर के लिए उनसे ही सुझाव मांगा गया है, ऐसा करने का विचार आखिर कैसे आया ? विपक्ष ने भी कई सारे आरोप लगाए हैं ? इस पर क्या कहेंगे ? 

जवाब- जरूरी नहीं है कि वार्ता टेबल पर ही हो. अगर उन्हें (नक्सलियों) लगता है तो कॉल कर लें.मैंने ईमेल आईडी, गूगल फॉर्म और अपना पता भी जारी कर दिया है. माओवादी खुद बता दें कि उन्हें पुनर्वास नीति में क्या चाहिए. हम वैसा ही कर लेंगे. रही बात विपक्ष की तो इनका काम है आरोप लगाना. सरकार अपना काम कर रही है. 

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सवाल - जंगल में युद्ध और बातचीत एक साथ संभव है क्या ? नक्सलियों ने भी पर्चा जारी कर कहा है कि विजय शर्मा संसाधनों का दोहन चाहते हैं, इस पर आप क्या कहेंगे ?

जवाब - मुझे एक बात बताएं कि क्या कोई एक पक्ष बंदूक छोड़ सकता है ? बंदूक तो दोनों ही पक्ष के लोग छोड़ते हैं. नक्सली कहते हैं कि रोड न बने. अभी हम सिलगेर, टेकलगुड़ा, पूवर्ती इलाके के ग्रामीणों को रायपुर को लाए थे. उन्होंने राजधानी देखी.आपको ये जानकार आश्चर्य होगा कि वहां 25 साल के युवा ने कभी टीवी तक नहीं देखा था. सवाल ये कि नक्सली उन्हें कैसे रखना चाहते हैं ? उनसे  मैं ये पूछता हूं कि बस्तर के किसी गांव तक सड़क पहुंच जाएगी तो कौन से संसाधनों का दोहन हो जाएगा? एक-दो डिपॉजिट होंगे वहां , जिसके लिए आपकी चर्चा होगी, तो बताएं आप, उस पर भी बात कर ली जाएगी.  बस्तर के बीजापुर इलाके में 200 ऐसे गांव हैं जहां के ग्रामीणों का अब तक आधार कार्ड ही नहीं बन पाया है. राशन कार्ड क्या पहुंचेगा, गैस सिलेंडर, पक्के आवास कैसे पहुंचेंगे? इसे कोई क्यों रोके ?  बस्तर में स्कूल, आंगनबाड़ी, अस्पताल, मोबाइल के टावर हैं, सड़क बिजली पानी क्यों नहीं पहुंचना चाहिए?  क्यों रोक कर रखे हैं? पुनर्वास करें. चर्चा के लिए तो सरकार तैयार है, लेकिन विकासात्मक कामों के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. 

सवाल -  छत्तीसगढ़ में 15 सालों तक भाजपा की ही सरकार रही है. नक्सलवाद पर इस बार कौन सी नई स्ट्रैटजी के तहत काम हो रहा है ?

जवाब - सरकार का संकल्प बड़ी बात होती है, न अधिकारी बदले हैं न अमला बदला है. बदला है तो सरकार का संकल्प. देखिए कश्मीर में वही पुलिस है वही सेना है लेकिन धारा 370 को हमने हटाया. पहले वहां पत्थर बाजी होती थी. अब नहीं होती है. सरकार का संकल्प बदलने से ऐसा ही होता है. 

सवाल - डबल इंजन की सरकार है तो क्या छत्तीसगढ़ में 2 सालों में नक्सलवाद का खात्मा तय है? 

जवाब - हम हर क्षण,हर पल, हर सांस बस इसी बात के लिए कृतसंकल्प हैं कि छत्तीसगढ़ में शांति आए. बस्तर में रौनक हो जाए.  गांवों में मुर्गा लड़ाई देखकर लोग खिलखिलाकर हंस पड़ें. अंदरूनी गांवों में लोग होम स्टे का व्यवसाय कर सकें. वहां पर सल्फी के बार हो सके. वहां इंद्रावती नदी के किनारे लोग बैठकर इत्मिनान से घूम लें. डर न हो मन में... 

सवाल - आपको हिंदुत्व का टेक्नीशियन कहा जाता है ? धर्मांतरण एक समस्या है ? जो चुनावों में भी मुद्दा रही हैं,  इसे लेकर सरकार क्या कर रही है? 

जवाब -  मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए लड़ाई हो रही है. जब कहते बस्तर में गांव में सड़क पहुंचेगी तो आदिवासी संस्कृति खतरे में पड़ जाएगी यही तो होता है न ? वो तो खड़े-खड़े बदल गया. उसकी संस्कृति बदल गई . विचारधारा बदल गई, उसके काम करने की शैली बदल गई. सबकुछ बदल गया. अपने लोगों से खड़े-खड़े दूर हो गया. ऐसे धर्मांतरण का क्या मतलब है. स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि भारत को किसी धर्म की आवश्यकता नहीं है. धर्मांतरण गलत है. सरकार में रहते हुए पूरी कोशिश करेंगे कि इसकी प्रक्रिया होनी चाहिए.  जिसे धर्म बदलना है तो प्रक्रिया ही कर लें. जो बिना प्रकिया के हों तो आधिकारिक तौर पर न माना जाए. अपनी पद्धति व्यक्ति खुद बदलता है. अनुसूचित जाति होती है , अगर धर्मांतरित होते हैं तो आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है. समाज में है बात. चिंता का विषय है. इस पर बिलकुल बात होनी चाहिए. धर्मांतरण बिलकुल गलत है. लव जिहाद होता है. बिरनपुर की घटना उसकी साक्षी है. 9 ऐसी शादियां हुई हैं, लव जिहाद के स्वरूप में हैं. जो रजिस्टर्ड हैं. ऐसा कैसा प्रेम है जो एक ही तरफ चल रहा है. पनपे आक्रोश की चिंता करनी पड़ेगी. 

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सवाल - व्यापम भर्ती परीक्षा में देरी हो रही है. लाखों परीक्षार्थियों को इसका इंतज़ार है ? क्या आप इन्हें राहत भरी खबर देंगे? 

जवाब - व्यापम बहुत सारी परीक्षाएं लेता है, चुनाव की आचार संहिता के बाद सबकुछ शुरू हो जाएगा. 

सवाल-  2021 में हुई पीएससी परीक्षा अनियमितता की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो यानी CBI कर रही है..जिसमें महीनों का वक्त गुजर चुका है. इस पर आपकी सरकार का क्या स्टैंड है?

जवाब - सीबीआई को जांच के लिए दिए हैं. परिणाम की प्रतीक्षा की जाएगी. आगे देखते हैं निर्णय क्या होता है ? लगता है कुछ लोगों को सजा तो मिलेगी है. 

सवाल- किर्गिस्तान में छत्तीसगढ़ के 500 छात्र फंसे हुए हैं...इनकी सहायता के लिए सरकारी स्तर पर क्या प्रयास किए जा रहे हैं? 

जवाब - मैनें बच्चों से बातचीत की है. मैंने आग्रह किया कि  छत्तीसगढ़ के लोगों का वाट्सप ग्रुप बना लें.  मेरा और साथियों का नंबर दिया है. एम्बेसी में भी बात की है वो भी मुस्तैद है. चिंता इस बात की है  जो व्यवस्थाएं वहां हैं वो व्यवस्था हम यहां क्यों नहीं कर लेते हैं. आपको जानकार आश्चर्य होगा वहां जो मेडिकल कॉलेज हैं उसको खोलने वाले भी भारत के लोग हैं.  इसके लिए भी कोशिश करेंगे. पूर्व में मैंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया जी से बात की थी. अब दिल्ली में नई सरकार का गठन होगा. जो भी नए मंत्री बनेंगे उनके सामने मैं इस विषय को फिर रखूंगा. 

सवाल-लोकसभा चुनाव में भाजपा किस स्थिति में है ? 

जवाब - छत्तीसगढ़ में पूरी 11सीटें भाजपा की होंगी. देश में फिर से एनडीए सरकार बन रही है. 400 के पार सीटों के साथ एनडीए आ रही है. मोदी जी शपथ लेंगे.  

सवाल-  पंचायत और ग्रामीण विकास भी आपके पास है ? सरकार के पास क्या प्लान है ? 

छत्तीसगढ़ में गांव और ग्रामीणों के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. हर गांव तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाई जाएंगी. पंचायतों के विकास के लिए मास्टर प्लान बनाया जा रहा है. आचार संहिता के बाद कई सारे काम शुरू होंगे. प्रदेश की पंचायतों में आने वाले एक साल के अंदर आप देखेंगे कि फाइबर ऑप्टिक केबल का काम शुरू हो गया है. वहां पर इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है. टू वे कम्युनिकेशन केंद्र और राज्य सरकार के साथ पंचायतें सीधे करेंगी. कल उसकी एक टेस्टिंग भी कर ली है. आने वाले समय में इस काम को आगे बढ़ाएंगे. हर एक पंचायत में एक महतारी सदन होगा. मास्टर प्लान बनाकर कई काम किए जाएंगे. टू वे कम्युनिकेशन के ज़रिए पंचायत के लोग सीधे प्रधानमंत्रीजी तक से बात कर सकेंगे.

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