बिलासपुर रेल हादसा के बाद चौंकाने वाली जानकारी आई सामने, बगैर साइकोलॉजिकल टेस्ट पास किए मेमू ट्रेन चला रहे हैं कई लोको पायलट

Rail Accident Prevention: बिलासपुर डिवीजन के 12 और नागपुर डिवीजन के 23 मेमू चलाने वाले लोको पायलट एप्टीट्यूड टेस्ट पास कराने के निर्देश दिए हैं. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक ने बिलासपुर, रायपुर और नागपुर के नाम एक्शन प्लान जारी किया है.

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Indian Railways News: बिलासपुर डिवीजन में 42 मेमू चलने वाले लोको पायलटों में से 30 ही एप्टीट्यूड सुटेबिलिटी यानी कि साइकोलॉजिकल टेस्ट के मानक पर खरे उतरते हैं. वहीं, नागपुर डिवीजन में 56 में से 33 लोको पायलट्स ही पास किए हैं. एप्टीट्यूड सुटेबिलिटी यानी कि साइकोलॉजिकल टेस्ट के मानक को पूरा करते हैं.

अब यह मामला सामने आने के बाद बिलासपुर डिवीजन के 12 और नागपुर डिवीजन के 23 मेमू चलाने वाले लोको पायलट एप्टीट्यूड टेस्ट पास कराने के निर्देश दिए हैं. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक ने बिलासपुर, रायपुर और नागपुर के नाम एक्शन प्लान जारी किया है.

बिलासपुर हादसे में हुई थी 13 की मौत

आपको बता दें कि चार नवंबर को बिलासपुर के लाल खदान के पास हुए ट्रेन हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस हादसे के बाद हरकत में आई रेलवे ने अब रेल हादसों से बचाव का एक्शन प्लान बनाते हुए ये आदेश जारी किया है. सूत्रों के मुताबिक बिलासपुर रेल हादसे में मेमू ट्रेन चलाने वाले मृत लोको पायलट एप्टीट्यूड सुटेबिलिटी यानी कि साइकोलॉजिकल टेस्ट के मानक को पूरा नहीं करते थे.

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 सूत्रों के मुताबिक मृत लोको पायलट विद्यासागर साइकोलॉजिकल टेस्ट पास नहीं कर रखा था. लिहाजा, इस हादसे से सबक लेते हुए रेलवे ने नए लोको पायलेट्स को पैसेंजर लर्निंग ट्रेनिंग पूरा कराने के निर्देश दिए हैं. डेंजर सिग्नल ओवर सूट कर गेवरा से बिलासपुर आ रही मेमू ट्रेन लाल खदान के पास बड़ी मालगाड़ी से पीछे से टकराई थी. बिलासपुर में हुए इस ट्रेन हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 20 लोग घायल हो गए थे. 

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