विज्ञापन
This Article is From Aug 31, 2024

Chhattisgarh: स्कूल में बच्चा एक नहीं, लेकिन पदस्थ है तीन शिक्षक... ध्यान देने वाला कोई नहीं

Jashpur News: जिले में एक ऐसी भी अनोखी सरकारी शाला है, जिसमें भी पढ़ने वाला एक नहीं है और पढ़ाने वाले कुल तीन लोग है. हैरानी की बात है कि स्कूल आज भी चल रहा है. 

Chhattisgarh: स्कूल में बच्चा एक नहीं, लेकिन पदस्थ है तीन शिक्षक... ध्यान देने वाला कोई नहीं
सरकारी स्कूल में बिना विद्यार्थी के पदस्त हैं तीन शिक्षक

Government School Chhattisgarh: जशपुर (Jashpur) जिले के ग्राम पंचायत दिवानपुर (Diwanpur Panchayat) के शासकीय प्राथमिक शाला (Government Primary School) हलबोहा से अनोखा मामला सामने आया है. कह सकते है कि अपनी तरह का यह पहला मामला ही होगा पूरे क्षेत्र में... यहां पढ़ने वाले की संख्या एक भी नहीं है और पढ़ाने वाले लोगों की कुल संख्या तीन है... इस विद्यालय में पहली से पांचवी कक्षा तक इस साल एक भी बच्चे ने एडमिशन नहीं लिया. यहां एक हेडमास्टर समेत तीन शिक्षक पदस्थ है. बच्चे का टोटा बने इसे स्कूल में शिक्षक पूरे दिन कुर्सी तोड़ते हुए नजर आते हैं. स्थानीय ग्रामीणों ने इस स्कूल को मर्ज करने की मांग की है.

सरकारी स्कूल में एक भी बच्चा पढ़ने के लिए नहीं

सरकारी स्कूल में एक भी बच्चा पढ़ने के लिए नहीं

हर महीने कमा रहे लाखों रुपये

ग्राम पंचायत दीवानपुर के हलबोला बस्ती में कुल 10 से 15 घर है. इस स्कूल में तीन टीचर पदस्थ है, जिनमें एक शिक्षक प्रधान पाठक राजेश कुमार दिवाकर और दो सहायक शिक्षिका तिलोतमा सिदार एवं अनुपमा पैंकरा शामिल है. शासन जहां बच्चों के लिए प्रति माह लाखों रुपए शिक्षकों के वेतन, मध्यान भोजन समेत सहायिका एवं स्वीपर के वेतन पर खर्च करती है, लेकिन यहां शासन का लाखों रुपयों का बर्बाद होता दिख रहा है. बावजूद यहां न तो बच्चे है और न ही बच्चों की दर्ज संख्या बढ़ाने में यहां पदस्थ शिक्षक रुचि दिखा रहे हैं. छात्र-छात्राओं के प्रति शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के बजाय इस स्कूल में शिक्षा व्यवस्था को ठप करते नजर आ रहे हैं...

बिगड़ रही शिक्षा व्यवस्था

जिले के अधिकांश स्कूलों का यही हाल हैं. इस वजह से सरकारी स्कूल के बच्चे पढ़ाई में कमजोर होते हैं. लेकिन, दीवानपुर के हलबोहा प्राथमिक शाला के मामले में यह बात बिल्कुल अलग साबित हो रही हैं. क्योंकि यहां शिक्षकों की इच्छा शक्ति कमजोर हैं. उनके पास बच्चों के लिए पर्याप्त समय है जिससे यहां बच्चे का टोटा बना हुआ हैं. इस स्कूल में बच्चों के पढ़ाई लिखाई के विकास वाले खिलौने एवं किट के साथ-साथ लाखों रुपये के किताब और चार्ट आदि कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं. 

बिना बच्चों के स्कूल में पदस्त हैं तीन शिक्षक

बिना बच्चों के स्कूल में पदस्त हैं तीन शिक्षक

सरकार गंभीर, जिम्मेदार लापरवाह

शिक्षा को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर तो जरूर है, इसलिए लगातार शिक्षकीय कार्य की गुणवत्ता बढ़ाने प्रशिक्षण का दौर जारी है. लेकिन, आज भी कुछ स्कूलें इस तरह संचालित हो रही है, जहां पढ़ाई करने वाले बच्चों की संख्या शून्य है. जिले में शिक्षा के स्तर का क्या हाल है, उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक स्कूल में बगैर बच्चे वाली स्कूल में तीन शिक्षक पदस्थ किए गए है. भले ही शिक्षा पर सरकार करोड़ों खर्च कर रही है, लेकिन व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है. 

ये भी पढ़ें :- CG में यहां चेतावनी बोर्ड के बाद भी क्यों जारी है मांस और मटन की बिक्री, नगर पालिका पर उठ रहे सवाल?

स्कूल को किया जाएगा मर्ज

विकासखंड शिक्षा अधिकारी विनोद पैकरा ने बताया कि प्रधान पाठक ने जीरो दर्ज संख्या का आवेदन दिया गया है. इस पर प्रधान पाठक को दो बार नोटिस जारी किया गया है. साथ ही अगस्त माह का वेतन भी रोक दिया गया है और शासन के युक्तियुक्तकरण नियम के तहत एक किमी में पदस्थ टूकुपखना विद्यालय में हलबोहा विद्यालय को मर्ज किया जाएगा.

ये भी पढ़ें :- Chhatarpur में वन विभाग की 9000 हेक्टेयर जमीन पर है अवैध कब्जा, 30 एकड़ का कब्जा पत्थरबाजी के मुख्य आरोपी का...

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close