
ACB Raids in Sukma: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सुकमा जिले (Sukma District) में गुरुवार को भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने 12 जगहों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई तेंदूपत्ता बोनस () से जुड़े कथित घोटाले की जांच के तहत की गई है. छापेमारी में पूर्व विधायक और सीपीआई नेता मनीष कुंजाम के 3 घर के अलावा जगरगुंडा, पालाचलमा, कोंटा, फूलबगड़ी, जग्गावरम, ऐराबोर, मिचीगुड़ी, बेद्दा बोड़केल और गोलापल्ली वन समिति के तेंदूपत्ता प्रबंधकों के घरों पर छापे मारे गए.
सुबह से 6 बजे शुरू हुई कार्रवाई देर शाम तक जारी रही. इस दौरान ईओडब्ल्यू की टीम को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कई बैंक अकाउंट्स व निवेश से संबंधित कागजात मिले. साथ ही डीएफओ कार्यालय के कर्मचारी राजशेखर पुराणिक के निवास से 26,63,700 रुपये कैश भी मिला, जिसे जब्त कर लिया गया है. गौरतलब है कि नक्सल प्रभावित जिले में पहली बार हो रही इतनी बड़ी कार्रवाई से हड़कंप मच गया है. हालांकि, एसीबी और ईओडब्ल्यू के अधिकारी अभी कुछ भी खुलकर नहीं बता रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि यह जांच आगे और सख्त हो सकती है.
14 गाड़ियों से पहुंचे थे एसीबी व ईडब्ल्यू के अधिकारी
रायपुर और जगदलपुर से एसीबी व ईडब्ल्यू के अधिकारियों ने गुरुवार की सुबह करीब 6 बजे करीब 14 गाड़ियों से सुकमा जिले के अलग-अलग जगहों पर एक साथ छापामारी की. जिला मुख्यालय में 6 व कोंटा ब्लॉक मुख्यालय में 6 स्थानों पर कार्रवाई करते हुए अधिकारियों ने दस्तावेजों की छानबीन की. घर रखे नकदी व अन्य आभूषणों के बिल खंगाले. पूर्व विधायक मनीष कुंजाम समेत वन समिति प्रबंधकों के घर छापे पड़े, इस दौरान उनसे पूछताछ भी की गई. आने वाले दिनों में जांच के नतीजे सामने आने पर ही साफ होगा कि इस मामले में कितनी गहराई तक अनियमितताएं हुई हैं.
यह है पूरा मामला
दरअसल, सुकमा वन मंडल में साल 2021 व 2022 का तेंदूपत्ता बोनस राशि के रूप में साढ़े 6 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे. बीते साल यह राशि तेंदूपत्ता संग्राहकों को वितरण किया जाना था. लेकिन अप्रैल और मई में राशि आहरण करने के बाद भी तेंदूपत्ता प्रबंधकों ने उक्त राशि का भुगतान आदिवासियों को नहीं किया. जब इसकी जानकारी पूर्व विधायक मनीष कुंजाम को मिली, तो उन्होंने इस साल जनवरी महीने में कलेक्टर सुकमा व सीसीएफ से लिखित शिकायत कर पूरे मामले की जांच करने की मांग की. शिकायत के बाद कलेक्टर सुकमा व वन विभाग ने दो अलग-अलग टीमें गठित कर जांच के निर्देश दिए. जांच टीम ने नक्सल प्रभावित इलाकों में तेंदूपत्ता संग्राहकों से बयान लिए, जिसमें सुकमा के तत्कालीन डीएफओ अशोक पटेल की संलिप्तता उजागर हुई. वन विभाग ने प्रारंभिक तौर पर आर्थिक अनियमितता का दोषी मानते हुए डीएफओ को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया. इसके बाद से ही एसीबी व ईडब्ल्यू की संयुक्त टीम सुकमा और कोंटा इलाकों में सक्रिय तेंदूपत्ता प्रबंधकों पर नजर रख रही थी.
इनके यहां पड़ा रेड...
पूर्व विधायक मनीष कुंजाम के जिला मुख्यालय स्थित दो घर व रामाराम स्थित पैतृक आवास पर एसीबी की टीम ने रेड मारा. इसके अलावा तेंदूपत्ता वन समिति गोलापल्ली प्रबंधक सत्यनारायण, कोंटा समिति प्रबंधक मोहम्मद शरीफ, पालाचलमा प्रबंधक सीएच रावणा, ऐराबोर प्रबंधक मितेन्द्र सिंह, जग्गावरम प्रबंधक कवासी मनोज, पेद्दो बोड़केल प्रबंधक नुप्पो सुनील, फूलबगड़ी प्रबंधक राजेशखर पुराणिक, जगरगुंडा प्रबंधक रवि गुप्ता व मिचीगुड़ प्रबंधक कोरसा आयतु के घर छापेमारी की गई.