
Heavy rain and storm in Surajpur: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर (Surajpur) में मंगलवार को तेज बारिश और तूफान ने जमकर तबाही मचाई. तेज आंधी के साथ हुई बारिश ने कई घरों की छत उड़ा दिए. साथ ही कई घरों के दीवार भी ढह गए. सड़कों पर पेड़ तो गिरे ही साथ में कई बिजली के खंभे भी धरासायी हो गए, जिससे पूरा इलाका ब्लैक आउट हो गया. इस तेज बारिश और तुफान से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को काफी नुकसान हुआ है. यह मामला भटगांव और जरही क्षेत्र का है.

सूरजपुर में तेज आंधी-बारिश से कई घरों के उड़े छप्पर
जानकारी के मुताबिक, तेज बारिश और आंधी ने छत्तीसगढ़ के सूरजपुर के भटगांव और जरही क्षेत्र में भारी तबाही मचाई. इसका सबसे ज्यादा असर बरौधी गांव और जरही नगर पंचायत के शक्तिनगर इलाके में देखने को मिला है. इस दौरान कई घरों के छप्पर उड़ गए और दीवार धराशाई हो गई है. बरौधी गांव में भी अपने घर की कच्ची दीवार के सहारे बकरियां बांधी थीं. इस हादसे में 9 बकरियां दीवार के नीचे दब गई. वहीं कई घरों में पानी घुस गया और घर में रखा धान भी भीग गया.

आंधी-बारिश से भारी नुकसान, दर्जनों पेड़ गिरे, कोल परिवहन प्रभावित
इस प्राकृतिक आपदा का असर औद्योगिक गतिविधियों पर भी पड़ा है. आंधी के चलते दर्जनों पेड़ गिर गए, जिससे कई मुख्य मार्ग बंद हो गए हैं, जिसके चलते SECL के कोल परिवहन पूरी तरह ठप हो गया और कोयले से लदे वाहनों की लंबी कतार लग गई है.

तूफान की वजह से कई इलाकों में बिजली के खंभे गिर गए, जिससे बरौधी, शक्तिनगर और आसपास के क्षेत्रों में रातभर बिजली बाधित रही. अब भी इन इलाकों में ब्लैकआउट की स्थिति बनी हुई है. प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य जारी हैं. प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था बहाल करने और क्षति का आंकलन कर मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
दीवार गिरने से 9 बकरियों की मौत
बरौधी ग्राम पंचायत के सरपंच विनोद किंडो ने बताया कि रात 11:30 बजे तेज हवाओं के साथ भारी बारिश देखने को मिली, जिससे कई घरों के छत उड़ गए. दीवार ढहने से 9 बकरियों की मौत हो गई. घर में धान की बोरी रखी हुई थी, जो पानी में भीग गया. पेड़ गिरने से टमाटर की फसल भी नष्ट हो गई. साथ ही धान की फसल बर्बाद हो गई. इस तूफान में बरौदी के 4-5 मुह्हले के लोगों को काफी नुकसान हुआ है.

प्रशासन की ओर से तहसीलदार शिवकुमार राठिया मौके पर पहुंच राहत और बचाव कार्य में जुट गए. विद्युत आपूर्ति बहाल करने की कोशिशें की जा रही हैं और नुकसान का आंकलन कर प्रभावितों को मुआवजा देने की प्रक्रिया भी अंजाम दिया जा रहा है. यह प्राकृतिक आपदा न केवल ग्रामीण जनजीवन पर असर डाल रही है, बल्कि औद्योगिक क्षेत्र को भी प्रभावित कर रही है, जिससे एक बड़े आर्थिक नुकसान की आशंका जताई जा रही है.
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