छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सलवाद उन्मूलन नीति और सुकमा पुलिस द्वारा संचालित पूना नर्कोम अभियान के तहत सुकमा पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. यहां एक लाख के इनामी समेत 6 नक्सलियों ने पुलिस और CRPF अधिकारियों के सामने सरेंडर कर दिया. ये नक्सली सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न नक्सली घटनाओं में शामिल थे. आत्मसमर्पित नक्सलियों ने माओवाद संगठन पर बाहरी कैडर द्वारा अत्याचार और शोषण करने का भी आरोप है.
इन नक्सलियों ने किया सरेंडर
पुलिस के अनुसार नक्सली संगठन में सक्रिय एक लाख का इनामी मिलिशिया कमांडर और एलमागुण्डा क्षेत्र का आरपीसी सुक्का, आरपीसी मंगा समेत अन्य मिलिशिया सदस्य सन्ना, लखमा, नंदा द्वारा सोमवार को नक्सल ऑपरेशन कार्यालय सुकमा में CRPF 131 वाहिनी के द्वितीय कमान अधिकारी मौली मोहन कुमार और डीएसपी उत्तम प्रताप सिंह के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया गया. इनके साथ ही डीएकेएमएस सदस्य और एलमागुंडा क्षेत्र का आरपीसी कोसा ने भी आत्मसमर्पण किया है. सभी आत्मसमर्पित नक्सली थाना चिंतागुफा क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न नक्सली गतिविधियों में सम्मिलित रहे हैं. इन नक्सलियों को शासन की पुनर्वास योजना के तहत सहायता राशि व अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.
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क्या है पूना नर्कोम अभियान
शासन की पुनर्वास नीति के साथ सुकमा पुलिस क्षेत्र के नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अलग से विशेष अभियान संचालित कर रही है, जिसका नाम पूना नर्कोम रखा गया है. इसका मतलब नई सुबह, नई शुरुआत है. गोंडी बोली से लिया गया शब्द 'पूना नर्कोम' स्थानीय आदिवासी लोगों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है. पूना नर्कोम अभियान के तहत सुकमा पुलिस द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों में लोगों को सरेंडर करने के अलावा विकासात्मक कार्यों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके साथ ही घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में खोले गए कैंपों में आदिवासी बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जा रहा है.
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