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This Article is From Jan 09, 2024

एनकाउंटर में 6 माह की बच्ची की मौत की जांच के लिए गए कांग्रेसी टीम वापस लौटी, नहीं मिली इजाजत

Chhattisgarh Naxal Attack: बिना जांच किए वापस लौटने के बाद कांग्रेस विधायक विक्रम ने बताया कि सुरक्षा कारणों और पहुंच मार्ग पर जगह-जगह आईईडी मौजूद होने की आशंका की वजह से सुरक्षा बल के जवानों ने उन्हें और उनकी टीम को मृतक बच्ची के गांव मुतवेंडी जाने से रोक दिया गया.

एनकाउंटर में 6 माह की बच्ची की मौत की जांच के लिए गए कांग्रेसी टीम वापस लौटी, नहीं मिली इजाजत

Naxal Attack, News: छत्तीसगढ़ के मुतवेंडी में सुरक्षाबलों (Security Foruces) और नक्सलियों (Naxalites) के बीच क्रॉस फायरिंग में छह माह की मासूम की मौत हो गई थी. इस घटना से उपजे सवालों के जवाब तलाशने के लिए छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) प्रदेश कांग्रेस (Congress) कमेटी ने विधायक विक्रम मंडावी (Vikram Mandavi) के नेतृत्व में कांग्रेस का पांच सदस्यीय जांच दल मुतवेंडी गांव भेजा था. लेकिन, सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने इस जांच दल को घटनास्थल तक नहीं जाने दिया. लिहाजा, वे लोग खाली हाथ वापस लौट आए हैं.

बिना जांच किए वापस लौटने के बाद कांग्रेस विधायक विक्रम ने बताया कि सुरक्षा कारणों और पहुंच मार्ग पर जगह-जगह आईईडी मौजूद होने की आशंका की वजह से सुरक्षा बल के जवानों ने उन्हें और उनकी टीम को मृतक बच्ची के गांव मुतवेंडी जाने से रोक दिया गया.

चश्मदीदों ने ये बताई कहानी

हालांकि, आला अधिकारियों से लंबी चर्चा के बाद दल को कांवड़गांव जाने की इजाजत मिली. जहां मुतवेंडी समेत आसपास के गांवों के ग्रामीण बड़ी संख्या में जुटे थे, जो अपनी बात रखना चाहते थे. इस दौरान जांच दल के सदस्यों ने कुछ चश्मदीदों से बात की और उनका बयान दर्ज किया. चश्मदीदों ने बताया कि जिस वक्त घटना हुई थी, तब वे मौके पर थे. गोली चलने की आवाज सुनते ही, वे सब इधर-उधर अपनी जान बचाने के लिए भागे. गोलीबारी थमी, तो पाया कि बच्ची को गोली लगी है. तभी सुरक्षा बल के जवान भी वहां पहुंच गए. उन्होंने बताया कि मौके पर नक्सली थे, लेकिन नक्सलियों की तरफ से गोली चली थी, या जवानों की तरफ से, यह तो जांच में ही स्पष्ट हो पाएगा. हालांकि, जांच दल की मुलाकात मृत बच्ची की मां से नहीं हो सकी है. दरअसल, इलाज के बाद इस वक्त वह जगदलपुर में है. मंडावी ने बताया कि जांच दल उनसे भी मुलाकात करेगा.

आदिवासियों पर अत्याचार बढ़ने का लगाया आरोप

कांग्रेस विधायक के अनुसार भाजपा के सत्तासीन होने के साथ ही आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाओं में इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि हमारी जांच दल जिस इलाके का दौरा कर लौटा है, वहां ग्रामीण डरे-सहमे हुए हैं. वहां ग्रामीण सुरक्षा बलों की बर्बरता के शिकार हो रहे हैं.

 'सरकार किसी की हो, न्याय मिलना चाहिए'

एड़समेटा, सारकेगुड़ा पीड़ितों के सवाल पर विक्रम ने कहा कि सरकार किसी की भी हो, न्याय मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि एड़समेटा, सारकेगुड़ा बड़ी घटनाएं हैं.  कांग्रेस सरकार  अपने कार्यकाल में एड़समेटा की न्यायिक जांच रिपेार्ट को विस के पटल पर रख चुकी है. अब होना यह चाहिए कि भाजपा सरकार रिपोर्ट को सार्वजनिक करते पीड़ितों को न्याय दें.

'उद्योगपतियों के निशाने पर जल-जंगल'

विधायक ने भाजपा पर उद्योगपतियों का साथ देने और आदिवासियों को जल-जंगल से बेदखल करने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के सत्ता में काबिज होते ही उद्योगपतियों को बढ़ावा मिलता है. हसदेव प्रकरण इसकी बानगी है. कांग्रेस किसी भी सूरत में कोल माइंस आवंटन के पक्ष में नहीं हैं.

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 कैंप स्थापित करना केंद्र-राज्य सरकार का निर्णय

आदिवासियों से बर्बरता और सुरक्षाबलों के कैंप विस्तार पर विधायक ने कहा कि यह केंद्र और राज्य सरकार का मसला है. कहां कैंप स्थापित करना है और कहां नहीं, यह केंद्र और राज्य सरकारें तय करती हैं.

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