Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सक्ती जिले मालखरोदा पुलिस थाने में मुंशी के पास बैठी पतली-दुबली करीब 25 वर्षीय महिला बयान लिखवाते वक्त बार-बार रुआंसी हो जाती हैं. बांह के सहारे आंसू पोछती हैं और फिर बयान लिखवाती हैं. बातचीत में नाम संगीता कंवर बताती हैं. चर्चा का सिलसिला बढ़ने पर पता चला कि संगीता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की उस फर्जी ब्रांच की कथित कर्मचारी हैं, जिसकी पड़ताल के लिए हम रायपुर से छपोरा गांव और उसके बाद मालखरोदा पुलिस थाने पहुंचे थे. दरअसल, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 250 किलोमीटर दूर सक्ती जिले का छोपरा गांव अचानक सुर्खियों में है. मालखरोदा पुलिस थाना इलाके के छपोरा गांव में 10 दिन पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानि कि SBI की नई शाखा खुली. नव नियुक्त कर्मचारियों ने काम-काज शुरू किया. बैंक में खाते खुलवाने, लेन-देन की प्रक्रिया की पूछताछ के लिए ग्रामीण भी पहुंचने लगे. सरकारी बैंक में पक्की नौकरी पाई संगीता कंवर समेत अन्य कर्मचारी भी खुश थे... लेकिन 27 सितंबर को इनकी खुशी को तब जोरदार झटका लगा, जब SBI के उच्च अधिकारी और पुलिस की टीम नई ब्रांच पर पहुंची. इसके बाद पता चला कि न सिर्फ ये ब्रांच SBI फर्जी है बल्कि पैसे लेकर यहां कर्मचारियों को कैशियर, सहायक कैशियर, कम्युटर ऑपरेटर से लेकर प्यून तक के पदों पर फर्जी नौकरी भी दे दी गई है.
संगीता की जबानी सुनिए, ठगों ने कैसे 'लूटा'
बता दें कि छत्तीसगढ़ के इतिहास का यह पहला मामला है, जब SBI की फर्जी शाखा चलाने करने का भंडाफोड़ हुआ हो. NDTV से बातचीत में संगीता कंवर बताती हैं कि वो कोरबा जिले के उरगा थाना के भवरखोला गांव की रहने वाली हैं. बीते अगस्त महीने में कथित रेखा साहू के माध्यम से उन्हें पता चला कि SBI में नियुक्तियां हो रही हैं.
संगीता कंवर
सोचे थे कि जिंदगी संवर जाएगी लेकिन...
2 दिन से मालखरोदा थाने में बयान के लिए आ रहीं संगीता कहती हैं कि SBI में नौकरी के लिए ऑफलाइन फॉर्म भरने और जॉइनिंग की प्रक्रिया पर शंका हुई थी, लेकिन कई बार वैध भर्तियों में रिश्वत लग जाती है तो हमें लगा कि ऐसा ही होगा. हम लोग गरीब हैं, मेरे पति को लगा कि इसकी सरकारी नौकरी लग जाएगी तो जिंदगी संवर जाएगी, लेकिन अब सबकुछ बर्बाद हो गया. पैसा भी चला गया और पुलिस के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. समझ में नहीं आ रहा है कि हम पीड़ित हैं या आरोपी?
जेवर गिरवी रखे, ब्याज पर भी पैसे लिए
संगीता कहती हैं- 'हमारा परिवार बहुत गरीब है. थोड़े सोने के जेवर थे, उसे गिरवी रखे तो 1 लाख रुपये मिला. इसके बाद 1 लाख रुपये पांच प्रतिशत प्रतिमाह की दर से ब्याज पर पैसे लिए. पूरे परिवार के पास 50 हजार रुपये की सेविंग थी. पूरा पैसा ढाई लाख रुपये रिश्वत में चले गया. अब ब्याज भी देना है और पैसे भी नहीं है. फर्जी नौकरी के लिए कानूनी चक्कर में अलग फंस गए.
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एक दो नहीं... कई लोगों को बनाया बेवकूफ
छपोरा के फर्जी बैंक शाखा में कोरबा जिले के उरगा थाना की रहने वाली संगीता की तरह ही, कोरबा के बनबरस गांव की ज्योति यादव, कोरबा के रामपुर के परमेश्वर राठौर, बालोद जिले के बुधनपुर के जयश देशमुख, सक्ती जिले की रोहिणी साहू और कबीरधाम जिले के पिंटू धुर्वे को फर्जी नियुक्ति पत्र से जॉइनिंग दी गई. फर्जी नौकरी के एवज में सबसे पैसे की डिमांड एक जैसी ही गई, लेकिन सौदा अलग-अलग दर पर तय हुआ. पुलिस ने SBI डबरा के बैंक मैनेजर की शिकायत पर अपराध दर्ज कर लिया है. मालखरोदा के SHO राजेश पटेल बताते हैं कि मामले में जांच जारी है. फर्जीवाड़ा करने वालों का बड़ा नेटवर्क होने की आशंका है.
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