बार-बार पानी के पाइप टूटने से परेशान था किसान, कंपनी में शिकायत की तो पूरी कहानी ही अलग निकली

MP News: मध्य प्रदेश के सागर में नकली "सुप्रीम" कंपनी के नाम पर किसानों को घटिया क्वालिटी के पाइप बेचे जा रहे थे. एक किसान की शिकायत पर कंपनी ने जांच की और नकली पाइप बेचने वाले अरिहंत हार्डवेयर पर छापा मारा गया.

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Sagar News: खेती-किसानी करने वाला किसान जब अपने खून-पसीने की कमाई से बोरवेल करवाता है, तो उसमें इस्तेमाल होने वाले हर सामान को लेकर वह पूरी सतर्कता बरतता है. लेकिन अगर उसे ही नकली माल पकड़ा दिया जाए, तो नुकसान सिर्फ आर्थिक नहीं, मानसिक भी होता है. सागर जिले में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां नकली "सुप्रीम" कंपनी के नाम पर किसानों को घटिया क्वालिटी के पाइप बेचे जा रहे थे. यह खुलासा तब हुआ जब एक किसान ने बोरवेल के लिए खरीदे गए पाइप के बार-बार टूटने और फटने की शिकायत सुप्रीम कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर से की. किसान ने स्थानीय दुकानदार के बजाय सीधे डिस्ट्रीब्यूटर से संपर्क किया, और अपने अनुभव को विस्तार से बताया.

शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कंपनी ने तुरंत एक 7 सदस्यीय जांच टीम सागर रवाना की. जांच में खुलासा हुआ कि अरिहंत हार्डवेयर द्वारा नकली सुप्रीम ब्रांड के पाइप बेचे जा रहे थे. कंपनी के प्रतिनिधियों ने पाया कि ये पाइप दिखने में असली जैसे लगते हैं, लेकिन गुणवत्ता बेहद घटिया है, और इन पर "सुप्रीम" का फर्जी लेबल चिपकाया गया है. 

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पुलिस से की गई शिकायत 

कंपनी की तरफ से इन्वेस्टिगेशन अधिकारी पुरुषोत्तम सुरेश महाजन ने सागर पहुंचकर पूरे मामले की रिपोर्ट एसपी सागर को दी. एसपी ने तत्परता दिखाते हुए कोतवाली सीएसपी को कार्रवाई के निर्देश दिए. सीएसपी ने मोतीनगर पुलिस के साथ मिलकर अरिहंत गोदाम (भाग उदय के पास) पर छापा मारा और ₹6,52,000 मूल्य के नकली पाइप जब्त किए.

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मामला दर्ज 

मोतीनगर थाना प्रभारी जसवंत सिंह राजपूत ने बताया कि अरिहंत गोदाम के मालिक सोमिल जैन के खिलाफ कॉपीराइट एक्ट की धारा 63 और 65 के तहत मामला दर्ज किया गया है. यह मामला न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि किसानों के साथ धोखाधड़ी भी है, जो अपने जीवन भर की कमाई बोरवेल जैसे कार्यों में लगाते हैं. इस तरह की घटनाएं न केवल अर्थिक रूप से नुकसानदायक हैं, बल्कि किसानों की मेहनत पर सीधा प्रहार हैं. इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि अब नकली माल बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही आम जनता और किसानों को भी सजग रहना होगा कि वे सिर्फ मान्य डीलर और डिस्ट्रीब्यूटर से ही सामान खरीदें. नकली माल की पहचान और शिकायत करने में किसानों की जागरूकता ही उनकी सुरक्षा है.

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