आलबरस गांव के 45 से ज्यादा बेटे कर रहे देश की सेवा, कोई बॉर्डर पर तो नक्सलियों के गढ़ में तैनात 

Republic Day Special: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक ऐसा गांव है जहां से 45 से ज्यादा युवा देश सेवा के लिए निकले हैं. इनमें से कोई देश की सीमा तो कोई नक्सलियों के गढ़ में ड्यूटी कर रहा है. 

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

Republic Day Special 2025: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले का आलबरस गांव...एक ऐसा गांव, जहां देशभक्ति सिर्फ भावना नहीं,बल्कि जीवन का हिस्सा है. इस छोटे से गांव ने अब तक थल सेना को 45 से भी ज्यादा जांबाज जवान दिए हैं. यहां के युवाओं में देश सेवा का जुनून देखते ही बनता है.

ऐसे जागा जुनून

1987 में ग्यारहवीं के छात्र बीएल देशमुख ने इसकी शुरुआत की थी. देशभक्ति का जुनून लिए उन्होंने अकेले ही तैयारी शुरू कर दी और 1987 में अपना मुकाम हासिल करते हुए देश सेवा में लग गए. 30 सालों तक सियाचिन गैलेशियर सहित देश के अलग-अलग राज्यों में सेवा देने के बाद वे 2016 सूबेदार मेजर रहते रिटायर हुए थे और अब युवाओं और समाज को नई दिशा प्रदान करने में लगे हुए हैं.

यहां के युवा और देश के सरहद पर डटे जवानों ने बताया कि बीएल देशमुख से इन्स्पायर होकर इन लोगों ने तैयारी शुरू की और अब तक 45 से ज़्यादा लोग भारतीय सेना, बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीएएफ, असम राइफल, अग्निवीर, जिला बल और नगर सैनिक के माध्यम से देश की सेवा कर रहे हैं.

आलबरस की मिट्टी में देशप्रेम रचा- बसा है, और यही वजह है कि यह गांव देश की रक्षा के लिए हर कदम पर तैयार खड़ा रहता है. इस गांव के युवाओं का जोश और जज़्बा आपको भाव-विभोर कर देगा. आलबरस जैसे गांव हमारे राष्ट्र की असली ताकत हैं. गांव के लोग खु को गौरवान्वित महसूस करते हैं. आज भी की युवा देश सेवा के लिए जाने की तैयारी कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें Naxali Damodar: 50 लाख का इनामी नक्सली दामोदर अभी जिंदा है!  IG बोले - घबरा गए हैं नक्सली 

Advertisement

ये भी पढ़ें छत्तीसगढ़: 6 जिलों के कलेक्टर्स को मिला सम्मान, पिछले चुनावों में किया था बेहतर काम 

ये भी पढ़ें पद्मश्री वैद्यनाथ सहित 6 लोगों को नक्सलियों ने दी जान से मारने की धमकी,लिखा- BJP के दलालों को मार भगाओ, जांच शुरू 

Topics mentioned in this article