
Religion Conversion in Chhattisgarh: दुर्ग जिले में एक बार फिर धर्मांतरण का मुद्दा गरमा गया है. पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र के जेल रोड स्थित बाफना मंगलम के पास रविवार को एक मकान में प्रार्थना सभा आयोजित की जा रही थी. तभी यहां बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ता पहुंच गए और 'जय श्रीराम' के नारे लगाने शुरू कर दिए. उन्होंने वहां हनुमान चालीसा का पाठ भी शुरू कर दिया.
इसी दौरान ईसाई समुदाय के लोग भी मौके पर पहुंच गए. आरोप है कि ईसाई समुदाय के एक व्यक्ति “जॉन” ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ कथित तौर पर गाली-गलौज की. देखते ही देखते स्थिति तनावपूर्ण हो गई और दोनों पक्षों के बीच मारपीट शुरू हो गई. इस दौरान हिंदू पक्ष के लोग जॉन को लाठी-डंडों से पीटती दिखी. मौके पर मौजूद पुलिस प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और जॉन को हिरासत में लेकर थाने ले गई.
जनकर हुई धुनाई
जॉन की हिरासत के बाद ईसाई समुदाय के लोग बड़ी संख्या में थाने के पास पहुंचे और नारेबाजी शुरू कर दी. स्थिति को देखते हुए पुलिस ने दोनों पक्षों को शहर के बाहर पुर गांव थाने में शिकायत दर्ज करने के लिए बुलाया. वहां भी दोनों पक्षों के बीच विवाद होता रहा. इस बीच रायपुर से भीम आर्मी के कार्यकर्ता भी पहुंच गए, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया. पुलिस ने दोनों पक्षों से एक-एक व्यक्ति को मारपीट और गाली-गलौज के आरोप में हिरासत में लिया है, जिन्हें बाद में मुचलके पर रिहा कर दिया गया.
बजरंग दल की ये बड़ी मांग
छत्तीसगढ़ बजरंग दल के कार्यकर्ता ज्योति शर्मा ने आरोप लगाया कि जॉन इस तरह के मामलों में लगातार सक्रिय रहता है और उसे बाहर से फंडिंग मिलती है. शर्मा ने प्रशासन से मांग की है कि जॉन को जिला बदर किया जाए और उसकी बैंक डिटेल्स की जांच की जाए. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं हुआ, तो बजरंग दल उग्र आंदोलन करेगा. बजरंग दल के लोगों का कहना है स्थानीय लोगों इस सभा की बजरंग दल को सूचना दी थी, जिसके बाद उसके कार्यकर्ता वहां पहुंचे थे.
मामले की जांच में जुटी पुलिस
दुर्ग शहर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर ने बताया कि पुलिस को प्रार्थना सभा की सूचना मिली थी. मौके पर पहुंचने पर बजरंग दल और ईसाई समुदाय के लोग आपस में भिड़ते मिले, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो गई. इसके बाद दोनों पक्षों को समझाइश दी गई है और मामले की जांच जारी है.
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यूसीसी मेंबर जितेंद्र लाल ने धर्मांतरण के आरोपों को सिरे खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण की परिभाषा स्पष्ट नहीं है, न तो शासन-प्रशासन के पास इसका जवाब है. यह सब बस एक मनगढ़ंत कहानी है. हम खुले में प्रार्थना सभा करने को तैयार हैं, हमें अनुमति दी जाए. ब्रेनवॉश का कोई सवाल ही नहीं है, हम प्रेम का संदेश देने वाले मसीही समाज हैं. लोग प्रेम के कारण स्वतंत्र रूप से सभा में आते हैं. इसमें कोई रोक नहीं है. हमारे साथ जुड़ने वाले नशा छोड़ रहे हैं. उनका सामाजिक स्तर सुधर रहा है, जो एक सकारात्मक बदलाव है.
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