Rajnandgaon: स्थाई प्राचार्य की नियुक्ति के लिए पालक समिति का धरना-प्रदर्शन, चक्का जाम करने की दी धमकी

शासकीय एकलव्य आवासीय विद्यालय के बच्चों को ना तो अच्छा खाना मिल पा रहा है और ना ही अन्य व्यवस्था आवासीय विद्यालय में है जिसके कारण विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्थाई प्राचार्य की नियुक्ति नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
पालक समिति द्वारा मांग पूरी नहीं होने पर चक्का जाम किए जाने की भी चेतावनी दी गई है
राजनांदगांव:

Chhattisgarh News: राजनांदगांव (Rajnandgaon) के शासकीय एकलव्य आवासीय विद्यालय पेंड्री की अवस्था को लेकर पालक समिति ने आज कलेक्ट्रेट के सामने एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया. इस आवासीय विद्यालय में लगभग 400 के आसपास बालक और बालिका पढ़ते हैं लेकिन यहां कि व्यवस्था बहुत ही खराब है. यहां एक साल बीत जाने के बाद भी स्थाई प्राचार्य की व्यवस्था नहीं हो पाई है. जिसे लेकर आज पालक समिति ने धरना प्रदर्शन किया है.

बच्चों को नहीं मिल पा रहा है अच्छा खाना

शासकीय एकलव्य आवासीय विद्यालय के बच्चों को ना तो अच्छा खाना मिल पा रहा है और ना ही अन्य व्यवस्था आवासीय विद्यालय में है जिसके कारण विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्थाई प्राचार्य की नियुक्ति नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गुरुवार को राजनांदगांव कलेक्ट्रेट के सामने फ्लाईओवर के नीचे पालक समिति के पदाधिकारी कार्यकर्ता और विद्यार्थियों के पालकों ने धरना प्रदर्शन कर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में स्थाई प्राचार्य की नियुक्ति किए जाने अवस्था को सुधारने की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन किया.

ये भी पढ़ें: Khajrana Ganesh Mandir: दानपेटी खुलने पर निकले 1 करोड़ 25 लाख रुपये, 2 दिन से गिनती जारी 

चक्का जाम करने की दी चेतावनी

पालक समिति द्वारा मांग पूरी नहीं होने पर चक्का जाम किए जाने की भी चेतावनी दी गई है जिसमें एकलव्य विद्यालय के छात्राओं के भी शामिल होने की बात कही गई है,जिला प्रशासन के उदासीन रवैया से पालकों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए समस्या का जल्द से जल्द निराकरण करने की मांग की है और बच्चों को सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही गई है जिसमें खाने की गुणवत्ता में सुधार, स्थाई प्राचार्य की नियुक्ति सहित कुछ और मांगे भी है.

ये भी पढ़ें: NDTV Interview : मध्यप्रदेश के गौरव प्राची यादव और मनीष कौरव के संघर्ष कहानी, उन्हीं की जुबानी

Topics mentioned in this article