Raipur Nagar Nigam Leader of Opposition: कांग्रेस पार्टी (Congress Party) इन दिनों देशभर में बुरे दिन से गुजर रही है. पार्टी आलाकमान कांग्रेस को मजबूत करने के लिए नई-नई रणनीति तैयार कर रहे हैं, ताकि पार्टी को कार्यकर्ता स्तर से मजबूत किया जाए. लेकिन ऐसा लगता है कि छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कांग्रेस नेताओं पर इसका कोई असर होता दिख नहीं रहा है. दरअसल, हाल ही में गुजरात में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा था कि अब जिला अध्यक्षों को पावरफुल बनाया जाएगा, लेकिन रायपुर जिला अध्यक्ष (Congress Raipur District President) की ओर से जिस संदीप साहू को जिला अध्यक्ष बनाया था, उसे कांग्रेस ने हटा कर निर्दलीय को नेता प्रतिपक्ष बना दिया है.
इसको लेकर पार्टी में एक बार फिर से गुटबाजी सतह पर आ गई है. हालांकि, कांग्रेस मीडिया चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला को इसमें कुछ भी गलत नजर नहीं आ रहा है. उनका कहना है कि पार्टी ने सोच समझकर फैसला लिया है. हालांकि, कांग्रेस पार्टी के भीतर जारी गुटबाजी ने भाजपा बैठे बिठाए एक मुद्दा दे दिया है. कांग्रेस पार्टी के ताजा फैसले पर प्रहार करते हुए भाजपा प्रवक्ता सुनील चौधरी ने कहा है कि कांग्रेस हमेशा से ओबीसी और साहू समाज विरोधी रही है. इस फैसले से एक बार फिर से यह साफ हो गया है.
पार्टी में सतह पर आई गुटबाजी
दरअसल, कांग्रेस ने रायपुर नगर निगम में दो माह पहले हुए चुनाव में पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़कर पार्षद बनने वाले आकाश तिवारी को निगम का नेता प्रतिपक्ष बना दिया है. पार्टी के इस फैसले के बाद गुटबाजी सतह पर आ गई है. पहले नेता प्रतिपक्ष चुने गए संदीप साहू ने कांग्रेस पार्टी के इस फैसले को तानाशाही करार दिया है. संदीप साहू का दावा है कि सभी पार्षद उनके साथ है. उन्होंने कहा कि पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ने वाले आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष बनाना कार्यकर्ता के साथ नाइंसाफी है. गौरतलब है कि निगम चुनाव में कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने नाराज होकर आकाश तिवारी ने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था, इसके बाद पार्टी ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए तिवारी को 2 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था.
पूर्व नेता प्रतिपक्ष संदीप साहू हुए नाराज
रायपुर नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष संदीप साहू पार्टी के इस फैसले पर कहा है कि कांग्रेस संगठन से एक लेटर जारी हुआ, लेकिन मुझे कोई जानकारी नहीं दी गई. उन्होंने दावा किया कि सभी पार्षद मेरे साथ हैं. नेता प्रतिपक्ष का चुनाव पार्षदों की सहमति से होता है. ऐसे में जिसने बागी होकर चुनाव लड़ा, उसे नेता प्रतिपक्ष बनाना तानाशाही पूर्ण निर्णय है.
भाजपा ने ली चुटकी
विधानसभा, लोकसभा और निगम चुनाव में हार का सामना करने वाली कांग्रेस अब भी गुटबाजी से निकल नहीं पा रही है. वहीं, कांग्रेस की इस हालत पर भाजपा ने चुटकी ली है. भाजपा प्रवक्ता सुनील चौधरी ने चुटकी लेते हुए कहा राहुल गांधी की बात कोई नहीं सुनता है, जिला अध्यक्ष ने जिसे नेता प्रतिपक्ष बनाया, उसे कांग्रेस महामंत्री ने हटा दिया. ये साहू समाज का अपमान है. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस हमेशा से ओबीसी और साहू समाज की विरोधी रही है, जो इस फैसले से और साफ हो गया है.
कांग्रेस को कुछ भी नहीं लगता गलत
वहीं, हाशिए पर पहुंच चुकी कांग्रेस को एक निर्दलीय को नेता प्रतिपक्ष बनाने में कुछ भी गलत नजर नहीं आ रहा है. कांग्रेस मीडिया चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि पार्टी ने सोच समझकर फैसला लिया है. उन्होंने आगे कहा कि पार्टी ने किसी को हटाया नहीं है. संदीप साहू को वैकल्पिक नेता प्रतिपक्ष बनाया था. अब पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष चुना है. पार्टी का निर्णय सबको मान्य है.
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बागी को नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने से नाराज पार्टी नेताओं में इस चर्चा का माहौल गरम है. इन नेताओं का कहना है कि आकाश तिवारी को बगावत का इनाम मिला है. हालांकि, कांग्रेस इस फैसले को पार्टी के हित में बता रही है. कांग्रेस को इससे कितना फायदा होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
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