Goli Kand Raipur: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गोली कांड (Raipur Firing Case) मामले में पुलिस के हाथ अब भी खाली हैं. दिनदहाड़े तेलीबांधा पुलिस थाना क्षेत्र में फायरिंग करने वाले आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. पुलिस घटना के बाद रेसीन क्रिएट करवा चुकी है और आरोपियों की पताशाजी में जुटी है. वहीं घटना को गैंगस्टर एक्टिविटी से जोड़कर देखा जा रहा है.
13 जुलाई को कोयला कारोबारी पर हुई थी फायरिंग
13 जुलाई को रायपुर के तेलीबांधा में दिनदहाड़े कोयला कारोबारी पर फायरिंग हुई थी. इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया था. दरअसल, तेलीबांधा थाना इलाके में अज्ञात लोगों ने कोयला कारोबारी पर फायरिंग की थी. बदमाशों ने 2 बार फायरिंग की, जिसमें एक हवा में और दूसरी फायरिंग कार पर की गई, जो शीशे पर लगी थी.
रायपुर में गोली कांड में किसका हाथ
बता दें कि सोशल मीडिया पर पोस्ट कर मयंक सिंह गैंग ने घटना की जिम्मेदारी ली है. सोशल मीडिया पर मयंक सिंह नाम के प्रोफाइल से एक पोस्ट शेयर किया गया, जिसमें उसने खुद को मयंक सिंह बताते हुए कहा कि अमन साहू गिरोह से मेरा पूर्व में रिश्ता बहुत अच्छा रहा था. यह बात सत्य है. पर मैं अमन साहू एवं गिरोह के भरोसे बैठे रहने वाला में से नहीं हूं. रायपुर गोलीकांड हमले को लेकर उसने कहा कि यह जो घटना हुआ है, उसकी जिम्मेदारी में मयंक सिंह लेता हूं.
अमन साहू गैंग से जुड़ रहा तार, अब रायपुर पुलिस झारखंड एसटीएफ की लेगी मदद
वहीं अब तक जांच में झारखंड में एक्टिव अमन साहू गैंग से भी तार जुड़ जा रहे हैं. ऐसे में जांच के लिए रायपुर पुलिस झारखंड एसटीएफ की मदद लेगी. साथ ही पुलिस ने गोली कांड के आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का दावा भी कर रही है.
अभी तक के हुए खुलासे में झारखंड में कंस्ट्रक्शन का काम कर रही दो बड़ी कंपनियां अमन साव गैंग (Aman saav Gang) के निशाने पर हैं. इन कंपनियों को रंगदारी नहीं देने पर उनके जिम्मेदारों को लगातार धमकियां मिल रही हैं. उन्हें फायरिंग कर डराया जा रहा है. ताकि कंपनियां झारखंड में काम करने के लिए गैंग को रंगदारी के तौर पर बड़ी कर दें.
हालांकि इन कंपनियों को धमकाने वाले गिरोह के कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें फायरिंग करने वाले शूटर भी शामिल हैं. पकड़े गए लोगों को डेढ़-दो लाख की सुपारी देकर भेजा गया था.