छत्तीसगढ़ लाए गए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के करीबी गैंगस्टर मयंक सिंह को रायपुर कोर्ट ने 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. मयंक सिंह रायपुर के PRA ग्रुप गोलीकांड मामले में आरोपी है. रिमांड पर लेकर पूछताछ के बाद पुलिस मामले में कई खुलासे कर सकती है. बीते वर्ष PRA ग्रुप कारोबारी के यहां फायरिंग मामले में तेलीबांधा थाने में मामला दर्ज है. इसके साथ ही मयंक सिंह के छत्तीसगढ़ में कनेक्शन को लेकर बड़े इनपुट भी मिल सकते हैं.

कौन है मयंक सिंह?
मयंक सिंह का नाम सिर्फ अमन साव गैंग तक सीमित नहीं है, बल्कि उसके तार सीधे देश के बड़े गैंगस्टर्स लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ से भी जुड़े हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक, मयंक सिंह मुख्य रूप से कोयला अंचल और बड़े कंस्ट्रक्शन कारोबारियों से वसूली का नेटवर्क संभालता है. उसका खौफ इतना है कि वह जेल के अंदर से ही व्हाट्सएप और अन्य डिजिटल माध्यमों के जरिए कारोबारियों को धमकी देकर लेवी की मांग करता था. रायपुर में हुई फायरिंग भी इसी वसूली नेटवर्क का हिस्सा बताई जा रही है.

मीडिया को ई-मेल से दी थी खुली धमकी
16 जून 2024 को जब उसके कुछ साथी गिरफ्तार हुए, तब मयंक ने छत्तीसगढ़ की मीडिया को धमकी भरा ई-मेल भेजा था. इस मेल में उसने अपनी गिरफ्तारी को षड्यंत्र बताया और रंगदारी की बात से इनकार किया. उसने दावा किया कि यह लड़ाई पैसों की नहीं बल्कि ‘ईगो' की है. ई-मेल में मयंक ने डरावनी धमकी देते हुए कहा था कि वह बदला जरूर लेगा और कारोबारियों के परिवार से ‘एक आदमी कम' कर देगा.
रायपुर में फायरिंग
जुलाई 2024 में रायपुर के सिविल लाइंस इलाके में PRA ग्रुप के संचालक प्रहलाद राय के दफ्तर पर बाइक सवार हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. सीसीटीवी फुटेज में हमलावर हवा में और कारोबारी की कार पर गोलियां चलाते नजर आए थे. पुलिस जांच में इस हमले के पीछे मयंक सिंह का हाथ होने की पुष्टि हुई. बताया जाता है कि करोड़ों रुपये की रंगदारी न देने पर मयंक ने इस हमले की साजिश रची थी.