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जिंदा तो जिंदा, भ्रष्टाचारियों ने मुर्दे को भी नहीं छोड़ा, पोस्टमार्टम के लिए वसूले परिजनों से 7 हजार रुपए

Corruption In Govt. Hospitals: पोस्टमार्टम के नाम पर 7000 रुपए की वसूली पर हो-हल्ला मचने के बाद मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए बीएमओ धरमजयगढ़ डॉ. बी.एल.भगत ने दावा किया है कि पीड़ित के पैसे वापस कर दिए गए हैं. घटना ने अस्पताल की कार्य शैली और भ्रष्टाचार पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैंं.

जिंदा तो जिंदा, भ्रष्टाचारियों ने मुर्दे को भी नहीं छोड़ा, पोस्टमार्टम के लिए वसूले परिजनों से 7 हजार रुपए
DOCTOR AND DRIVER TOOK 7 THOUSAND BRIBE FOR YOUTH POST MORTEM IN RAIGARH CG

Postmartam Bribe: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. जहां संदिग्ध परिस्थितियों में एक युवा की मौत के बाद पोस्टमार्टम करवाने पहुंचे परिजनों से डाक्टर के ड्राइवर ने 7 हजार रुपए वसूल लिए. पोस्टमार्टम के लिए पीड़ित परिजनों से पैसों की डिमांड की गई थी, जिससे उन्हें पैसे जबरन देने पड़े.

पोस्टमार्टम के नाम पर 7000 रुपए की वसूली पर हो-हल्ला मचने के बाद मामले पर प्रतिक्रिया देने आए बीएमओ धरमजयगढ़ डॉ. बी.एल.भगत ने दावा किया है कि पीड़ित के पैसे वापस कर दिए गए हैं. घटना ने अस्पताल की कार्य शैली और भ्रष्टाचार पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैंं.

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युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे थे परिजन

मामला धरमजयगढ़ के जमारगी-डी का है, जहां संदिग्ध परिस्थितियों में हुई एक युवक की मौत के बाद पीड़ित परिजन पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी पहुंचे थे, लेकन पोस्टमार्टम के लिए उनसे 7000 रुपए की डिमांड की गई. मृतक का पोस्टमार्टम कराना जरूरी था, इसलिए मजबूरी में परिजनों को पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर के ड्राइवर को 7000 रुपए देने पड़े.

जंगल में आग की तरह फैली पोस्टमार्टम के नाम पर 7000 रुपए वसूली की खबर

रिपोर्ट के मुताबिक पोस्टमार्टम के नाम पर 7000 रुपए की वसूली की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई. मामला मीडिया तक पहुंचा तो मामले पर सवाड़ खड़े हो गए. परिजनों का आरोप है कि पोस्टमार्टम कराने के लिए उनसे रुपयों की मांग की गई और मजबूरी में उन्हें 7000 रुपए की राशि पोस्टमार्टम करने वालों को देनी पड़ी.

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संदिग्ध परिस्थितियों में हुई युवक की मौत के बाद पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी पहुंचे परिजन से डाक्टर के ड्राइवर द्वारा पैसों की डिमांड की गई. परिजनों को पोस्टमार्टम कराना जरूरी था, इसलिए मजबूरन पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर के ड्राइवर को उन्हें 7000 रुपए देने पड़े

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डाक्टर के ड्राइवर ने मृतक के परिजनों से पोस्टमार्टम के नाम पर वसूले 7 हजार रुपए

गौरतलब है सरकारी अस्पताल जनता की सुविधा और निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होते हैं, लेकिन अस्पतालों में तैनात कर्मचारी सेवा के बजाय लोगों का खून चूसने में लगे हुए है. घर के एक युवा की संदिग्ध मौत से सदमे में आया पीड़ित परिवार पोस्टमार्टम के लिए चुकाने पड़े. जहां डाक्टर की मिलीभगत से परिजनों को लूट का शिकार बनाया गया.

भ्रष्टाचार में अधिकारी- कर्मचारी सभी शामिल, लेकिन नहीं की गई कोई ठोस कार्रवाई

सोचने वाली बात यह है कि जब परिवार के एक युवा की अचानक मौत के सदमे से गुजर रहा हो, तब उससे अमानवीय तरीके से पैसों की मांग की गई. पीड़ित का कहना है कि अस्पताल में फैले भ्रष्टाचार में अधिकारी और कर्मचारी सभी शामिल हैं, जिनके खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति हो सकती है. 

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